गुजरात और राजस्थान में मूंगफली की फसल पिछले वर्ष की तुलना में 25% अधिक पैदावार होने का अनुमान है। इसी प्रकार, मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश के झांसी, शिवपुरी, पिछोर, भोंती, दतिया, नौगांव, छतरपुर, ललितपुर, मऊरानीपुर, महोबा आदि क्षेत्रों में भी मूंगफली की पैदावार में वृद्धि देखी जा रही है। इस बार की फसल की गुणवत्ता भी बेहतर बताई जा रही है।
हालांकि, किसानों को भावों में आ रही निरंतर गिरावट के कारण समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। वे मंडियों में अपनी मूंगफली बेचना नहीं चाह रहे हैं, जिससे मंडियों में आवक प्रभावित हुई है। सरकार ने मूंगफली की खरीद के लिए एमएसपी ₹6783 की घोषणा की है, लेकिन खरीद प्रक्रिया अभी तक शुरू नहीं हुई है, जिससे किसान बेचने के लिए इंतजार कर रहे हैं।
झांसी मंडी में प्रतिदिन 40 से 50 हजार बोरी की आवक हो रही है, जिसमें मूंगफली ₹3500 से लेकर ₹4400 तक के भाव में बिक रही है। दाने का 70-80 काउंट ₹70-71 के भाव में व्यापार किया जा रहा है। गुजरात के मुंदड़ा पिपावा एक्सपोर्ट पर दाने का भाव ₹86 से घटकर ₹78 रह गया है।
विशेषज्ञों का मानना है कि अगर मंडियों में मूंगफली की आवक बढ़ती है, तो भाव और नीचे आ सकते हैं। अनुमान है कि लोकल झांसी मंडी में दाने का भाव ₹6700 तक गिर सकता है, लेकिन यह केवल तब संभव है जब आवक भरपूर मात्रा में हो।
स्टॉकिस्ट भी इस स्थिति का लाभ उठाने के लिए सक्रिय हैं, लेकिन मूंगफली दाने के स्टॉक करने वाले व्यापारियों को लाभ का अनुमान अभी स्पष्ट नहीं है। दाने का भविष्य गुजरात, राजस्थान और उत्तर प्रदेश की मंडियों में आवक के दबाव और एक्सपोर्ट पर निर्भर करेगा। वर्तमान भावों में कुछ प्रतिशत दाने का स्टॉक किया जा सकता है।
किसानों और व्यापारियों को इस स्थिति पर नजर बनाए रखने की आवश्यकता है।