काबुली चने की नई फसल फरवरी में आनी शुरू होगी, और इसके आने में अभी 4 महीने का समय बाकी है। पिछले साल रिकॉर्ड तेजी को देखते हुए किसानों ने अधिक क्षेत्र में बिजाई की, जिससे इस बार उत्पादन भी अधिक होने की संभावना है। इसके परिणामस्वरूप पिछले 6 महीनों में कीमतों में ₹5 प्रति किलो का उतार-चढ़ाव देखने को मिला है।
अंतर्राष्ट्रीय बाजारों में कीमतों में बढ़ोतरी के कारण निर्यात में गिरावट आई है, और अब बुल्गारिया, ब्राजील और कनाडा के माल की आवक बढ़ने लगी है। इन परिस्थितियों में निकट भविष्य में काबुली चने की कीमतों में बड़ी तेजी की संभावना कम है, लेकिन महाराष्ट्र के माल में ₹98-₹100 प्रति किलो से नीचे गिरावट की संभावना भी अब खत्म हो गई है।
मुख्य बिंदु:
- अकोला और ललितपुर झांसी क्षेत्रों में किसानों ने अधिक काबुली चना बोया है।
- सर्दी अधिक पड़ने पर उत्पादन में बढ़ोतरी हो सकती है, लेकिन वर्तमान में मौसम का तापमान ऊंचा है।