नई दिल्ली:
वर्तमान तिलहन सीजन (अक्टूबर 2024 से सितंबर 2025) के पहले तीन महीनों में भारत से सोया खल का निर्यात 21% घटकर 5.18 लाख टन रह गया, जबकि पिछले साल इसी अवधि में यह 6.59 लाख टन था। वैश्विक बाजार में पाम तेल की तुलना में सोया और सूरजमुखी तेल की कीमतें कम होने से भारतीय आयातकों का रुझान इन तेलों की ओर बढ़ा है, जिससे आयात में वृद्धि देखी जा रही है।
ब्राजील में रिकॉर्ड सोयाबीन उत्पादन का अनुमान
ब्राजील की राष्ट्रीय सप्लाई कंपनी (कोनाब) के अनुसार, अनुकूल मौसम के चलते 2024-25 सीजन में सोयाबीन उत्पादन 1.90 करोड़ टन बढ़कर 16.63 करोड़ टन तक पहुंच सकता है। इसके साथ ही:
- सोयाबीन खल का निर्यात: 2.20 करोड़ टन
- सोया तेल का निर्यात: 14 लाख टन
- सोयाबीन का निर्यात: 10.54 करोड़ टन
यह उत्पादन वृद्धि वैश्विक बाजार में सोयाबीन उत्पादों की आपूर्ति को मजबूत करेगी।
मलेशियाई पाम तेल निर्यात और भारतीय आयात में गिरावट
कुआलालंपुर से मिली जानकारी के अनुसार, जनवरी 2025 के पहले पखवाड़े में मलेशियाई पाम तेल निर्यात एक महीने पहले की तुलना में करीब 1.50 लाख टन कम रहा। पाम तेल की कीमतों में बढ़ोतरी के कारण भारतीय आयातकों ने सोया तेल का अधिक आयात किया। इसके परिणामस्वरूप दिसंबर 2024 में भारत का पाम तेल आयात 41% घटकर पिछले 9 महीनों के सबसे निचले स्तर पर आ गया।
यह स्थिति वैश्विक तिलहन और तेल बाजारों में बढ़ती प्रतिस्पर्धा और बदलते रुझानों को दर्शाती है।