देश की प्रमुख अनाज मंडियों में इस समय मिश्रित स्थिति देखने को मिल रही है। गेहूं, मक्की, धान और बाजरा जैसे प्रमुख अनाजों के भाव और आवक में उतार-चढ़ाव जारी है।
पिछले दिनों गेहूं में आई मंदी के बाद बिकवाली का माहौल बना हुआ है, जिससे लंबी तेजी की धारणा समाप्त हो गई है। हालांकि, बुधवार को होने वाले साप्ताहिक टेंडर में बिक्री की उम्मीद है। कम आपूर्ति के चलते प्रोसेसिंग इकाइयों और रोलर फ्लोर मिलों को पर्याप्त गेहूं नहीं मिल पा रहा है, जिससे बाजार में तेजी की संभावना जताई जा रही है। नया गेहूं आने में अभी 4-5 महीने शेष हैं, ऐसे में मौजूदा भाव पर खरीदारी करना फायदेमंद हो सकता है।
धान की बात करें तो उत्पादक मंडियों में जबरदस्त आवक हो रही है। शरबती धान का दबाव बढ़ने से यूपी की मंडियों में 2050-2100 रुपए और हरियाणा की मंडियों में 2025-2075 रुपए प्रति कुंतल के भाव में व्यापार हो रहा है। बासमती चावल की घरेलू और निर्यात मांग कमजोर होने से 1509 सेला 5300-5450 रुपए प्रति कुंतल बिक रहा है। वहीं, 1401 धान का भाव 2550-2600 रुपए और इसका चावल 5800-6000 रुपए प्रति कुंतल है। ग्राहकी भले ही कमजोर है, लेकिन लंबे समय में बाजार लाभदायक रहने की संभावना है।
मक्की का उत्पादन इस खरीफ सीजन में अधिक हुआ है, लेकिन एथेनॉल कंपनियों की खपत 30% बढ़ने से मंडियों में शॉर्टेज बन गया है। बिहार में स्टॉक खत्म हो चुका है, जबकि मध्य प्रदेश, राजस्थान और महाराष्ट्र में आवक बढ़ने लगी है। वहां की मक्की हरियाणा और पंजाब में 2650-2680 रुपए प्रति कुंतल बिक रही है। उत्पादक मंडियों में नमी के अनुसार भाव 2325-2350 रुपए चल रहे हैं। बाजार विशेषज्ञों का कहना है कि मौजूदा भाव पर मक्की की खरीदारी जारी रखनी चाहिए।
बाजरा का उत्पादन भी इस बार अधिक हुआ है, लेकिन मक्की और गेहूं की एथेनॉल कंपनियों द्वारा हो रही लिवाली के चलते बाजरे में स्टॉकिस्टों की पकड़ मजबूत हो गई है। यूपी और राजस्थान का 35-37% बाजरा खाद्यान्नों में खपत हो गया है। पोल्ट्री और डिस्टलरी प्लांटों की खरीदारी से बाजरा 2620-2650 रुपए प्रति कुंतल बिक रहा है। हरियाणा और पंजाब की मंडियों में मांग बढ़ने से भाव में गिरावट की गुंजाइश कम है।
विशेष सुझाव
इन परिस्थितियों में गेहूं, मक्की और बाजरे की खरीद मौजूदा भाव पर फायदेमंद साबित हो सकती है। ग्राहकी कमजोर होने के बावजूद दूरगामी परिणाम बेहतर रहने की उम्मीद है।