08 मई 2025 – देश की प्रमुख कृषि उपज मंडियों में इन दिनों देसी चना और काबुली चना दोनों के भावों में मजबूती का रुख देखने को मिल रहा है। बाजार में स्टॉक का अभाव, आयातित चने की कीमतों में बढ़ोतरी और आगामी शादी सीज़न की मजबूत मांग के चलते चना व्यापार में एक नई ऊर्जा देखी जा रही है।
मध्य प्रदेश, राजस्थान, महाराष्ट्र, कर्नाटक और आंध्र प्रदेश जैसे उत्पादक राज्यों में इस वर्ष देसी चना का उत्पादन अपेक्षाकृत कम रहा है। इसके अलावा, पुराने स्टॉक भी अब खत्म होने लगे हैं, जिससे मंडियों में माल का दबाव नहीं है और भावों को सपोर्ट मिला है।
वहीं, काबुली चने की बात करें तो फसल इस बार महाराष्ट्र और कर्नाटक में अच्छी बताई जा रही है। हालांकि, पुराना माल कारोबारियों के पास फंसा हुआ है और लोकल व चालानी मांग सीमित बनी हुई है। वर्तमान में महाराष्ट्र का 68/70 काउंट माल ₹68–70 प्रति किलो और गुजरात का बिना छना काबुली ₹64–67 प्रति किलो बिक रहा है। मेक्सिको का माल भी नीचे आया है, और कर्नाटक की मंडियों में धीरे-धीरे स्टॉक का दबाव बाहर निकलने लगा है।
बावजूद इसके, बाज़ार को यह उम्मीद है कि अगले तीन महीनों तक शादी-ब्याह का सीज़न मांग को बनाए रखेगा, जिससे तेजी की संभावनाएं भविष्य में बनी रहेंगी।
इसी बीच, आयातित चने के भावों में भी तेजी का असर दिखा। मुंबई में तंजानिया चना ₹75 की तेजी के साथ ₹5650 प्रति क्विंटल, और ऑस्ट्रेलिया चना ₹5850–5875 प्रति क्विंटल तक पहुंच चुका है। आयात महंगा होने के कारण घरेलू चने को स्पष्ट लाभ मिला है।
📈 प्रमुख मंडी भाव – देसी चना
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इंदौर में 'काटेवाला' चना ₹6050–6100, 'विशाल' चना ₹5800–5850 (₹50 की तेजी)
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कानपुर में ₹6050 (₹100 की तेजी)
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जयपुर, दिल्ली, नागपुर, लातूर में ₹50 प्रति क्विंटल की तेजी
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गंजबासौदा: ₹5700–5800
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मुरैना: ₹5550–5850
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विदिशा: ₹5550–5800
📊 काबुली चना भाव – इंदौर मंडी
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42–44 काउंट: ₹11550 (₹100 की तेजी)
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50–52 काउंट: ₹10200 (₹200 की तेजी)
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58–60 काउंट: ₹8800 (₹200 की तेजी)
🔍 बाजार का रुख
विशेषज्ञों का मानना है कि जब तक घरेलू उत्पादन सीमित रहेगा और आयातित माल महंगा बना रहेगा, तब तक बाजार में तेजी का रुख जारी रह सकता है। आने वाले हफ्तों में चना भावों में और ₹200 तक की तेजी देखी जा सकती है, हालांकि बीच में मामूली करेक्शन संभव है।
निष्कर्ष: वर्तमान परिस्थितियां व्यापारियों के लिए स्पष्ट संकेत दे रही हैं — वर्तमान भावों में व्यापार करिए, क्योंकि चने का बाजार अब स्थिरता की ओर नहीं, बल्कि मजबूती की ओर बढ़ रहा है।