चावल बाजार में हलचल के साथ सकारात्मक संकेत देखने को मिले। बीते कुछ हफ्तों में जहाँ बाजार में सुस्ती छाई थी, अब सरकारी क्रय नीति और निर्यात संभावनाओं ने व्यापारियों व मिलर्स में नई उम्मीदें जगा दी हैं।
बासमती और गैर-बासमती दोनों श्रेणियों में चुनिंदा किस्मों की मांग बढ़ रही है। 1121 बासमती स्टीम चावल ₹6700–₹6750 प्रति क्विंटल पर कारोबार कर रहा है। 1509 स्टीम ₹5200/क्विंटल और 1509 सेला ₹4600/क्विंटल तक दर्ज किया गया। वहीं 1401 बासमती ₹4900 तक पहुंची है, जो पिछले सप्ताह की तुलना में ₹50–₹100 अधिक है।
एक्सपोर्ट डिमांड में भी बढ़ोतरी दर्ज की गई है, विशेष रूप से मध्य पूर्व, अफ्रीका और यूरोप से पूछताछ आ रही हैं। व्यापारियों के अनुसार, रमज़ान के बाद इन क्षेत्रों में भारतीय बासमती की माँग बढ़ने लगी है। इससे निर्यातक और प्रोसेसर दोनों सक्रिय हुए हैं।
सरकार की ओर से बफर स्टॉक बनाने की योजना ने भी घरेलू बाजार को मजबूती दी है। किसान अब सीधे सरकारी एजेंसियों को चावल देने में रुचि दिखा रहे हैं, जिससे खुली मंडियों में आवक घटने की संभावना है — यह आने वाले दिनों में भावों को सहारा दे सकता है।
मिलर्स भी अब पहले की तुलना में अधिक सक्रिय हैं। ब्रोकर्स के अनुसार, कई मिलर्स ने आगामी महीनों के लिए अग्रिम सौदे बुक कर लिए हैं, जिससे बाजार में स्थिरता बनी है।
बाजार विश्लेषण:
आगामी हफ्तों में यदि अंतरराष्ट्रीय ऑर्डर मजबूत रहते हैं और घरेलू नीतियों में कोई बड़ी रुकावट नहीं आती, तो बासमती किस्मों में ₹200–₹300 प्रति क्विंटल तक की और तेजी संभव है।
यह समय व्यापारियों के लिए योजना बनाने का है। चावल के भाव, क्वालिटी और नीतिगत गतिविधियों पर करीबी नजर रखें। विशेषकर निर्यातकों और मिलर्स के लिए यह वक्त निर्णयात्मक हो सकता है।