तेल और तेलबीज बाजार में इस सप्ताह एक बार फिर से मिश्रित भावनाओं वाला माहौल देखने को मिला। जहाँ कुछ उत्पादों जैसे सरसों में स्थिरता बनी रही, वहीं मूंगफली, तिल, और सूरजमुखी जैसे अन्य तेलबीजों में कीमतें दबाव में रहीं। व्यापारियों के अनुसार, बाजार में खरीदारी सीमित रही है और स्टॉकिस्ट फिलहाल सतर्क रुख अपनाए हुए हैं।
सरसों की कीमतों में इस सप्ताह कोई बड़ा बदलाव नहीं देखा गया। प्रमुख मंडियों में सरसों के भाव 5200–5350 रुपये प्रति क्विंटल के बीच स्थिर रहे। आवक सामान्य रही और घरेलू तेल मिलें जरूरत के अनुसार ही माल उठा रही हैं। व्यापारी बताते हैं कि नए ऑर्डर की कमी और सरकार की ओर से कोई नई खरीद योजना नहीं होने के कारण बाजार सुस्त बना हुआ है।
मूंगफली के बाजार में गिरावट दर्ज की गई। विशेष रूप से गुजरात और सौराष्ट्र की मंडियों में मूंगफली की विभिन्न किस्मों में 50 से 100 रुपये प्रति क्विंटल तक की नरमी देखी गई। तेल मिलों से मांग कमजोर रही, जिससे भाव पर सीधा असर पड़ा है। व्यापारी बताते हैं कि निर्यातकों की तरफ से भी कोई विशेष रुचि नहीं दिख रही है, जिससे बाजार में अनिश्चितता बनी हुई है।
तिल और सूरजमुखी जैसे अन्य तेलबीजों में भी हल्की गिरावट दर्ज हुई है। तिल के दामों में 100–150 रुपये तक की नरमी आई है, जबकि सूरजमुखी में भाव सीमित दायरे में बने रहे। इन दोनों उत्पादों में घरेलू खपत स्थिर है, लेकिन थोक ऑर्डर न आने से तेजी नहीं बन पाई।
सोयाबीन की बात करें तो, बाजार में भाव स्थिर रहने के साथ-साथ कुछ स्थानों पर हल्की तेजी भी देखी गई। मध्यप्रदेश और महाराष्ट्र की मंडियों में सोया के अच्छे क्वालिटी वाले लॉट्स की मांग बनी हुई है, लेकिन कुल मिलाकर बाजार रुक-रुक कर चल रहा है। अंतरराष्ट्रीय बाजार की दिशा और तेल की कीमतों पर इसका असर स्पष्ट रूप से दिख रहा है।
बाजार विश्लेषकों का मानना है कि जब तक तेल की अंतरराष्ट्रीय कीमतों में कोई निर्णायक बदलाव नहीं होता और घरेलू स्तर पर खपत या सरकारी हस्तक्षेप नहीं बढ़ता, तब तक तेलबीजों में तेज़ी की उम्मीद नहीं की जा सकती। फिलहाल, व्यापारियों और स्टॉकिस्टों को सतर्क रहकर खरीदारी करने की सलाह दी जा रही है।
निष्कर्षतः, इस सप्ताह तेलबीज बाजार में स्थिरता और गिरावट दोनों का मिश्रण देखने को मिला है। सरसों जैसी फसलें जहां स्थिर भाव पर चल रही हैं, वहीं मूंगफली, तिल और सूरजमुखी में सुस्ती का माहौल बना हुआ है।