गेहूं बाजार ने कुछ राहत की सांस ली, जब व्यापार में हल्की तेजी दर्ज की गई। लगातार सुस्त पड़े मंडियों में अब स्टॉकिस्ट और मिलर्स की सक्रियता फिर से देखने को मिल रही है, जिससे व्यापारी वर्ग में आत्मविश्वास लौटा है।
दिल्ली, इंदौर, भोपाल, और ग्वालियर जैसी मंडियों में गेहूं के भाव ₹2450–₹2525 प्रति क्विंटल के बीच देखे गए। मध्य प्रदेश और राजस्थान की कई मंडियों में ₹20–₹30/क्विंटल की तेजी नोट की गई। यह वृद्धि फिलहाल सीमित है लेकिन बाजार को गति दे रही है।
सरकारी खरीदी अब धीमी हो चुकी है और अधिकांश एजेंसियाँ अपना लक्ष्य पूरा कर चुकी हैं। इससे खुले बाजार में व्यापार को गति मिली है। किसान अब सीधे व्यापारियों से सौदे करने को तैयार हैं, जिससे स्टॉकिस्ट को अवसर मिला है।
मिलर्स की डिमांड में भी उछाल आया है, खासकर उन यूनिट्स में जहाँ मैदा, आटा और सूजी का प्रोडक्शन बढ़ाया जा रहा है। इसके अलावा, रूस-यूक्रेन संघर्ष के कारण वैश्विक गेहूं बाजार में अस्थिरता बनी हुई है, जिससे भारत से गेहूं निर्यात के नए अवसर उभर सकते हैं।
बाजार विश्लेषण:
यदि मंडियों में आवक घटती रही और मिलर्स की मांग बढ़ती रही, तो आने वाले 15–20 दिनों में गेहूं के भाव ₹2600/क्विंटल तक जा सकते हैं।
अभी व्यापारियों को चौकस रहकर अपनी खरीद और बिक्री की रणनीति तय करनी चाहिए। मंडी आवक, स्टॉकिस्ट मूवमेंट और ग्लोबल इंपोर्टर्स की गतिविधियाँ – यही बाजार की दिशा तय करेंगी।