मक्का बाजार में स्थिरता: इथेनॉल नीति से हो सकता है असर
भारत में मक्का की कीमतों में पिछले कुछ हफ्तों में गिरावट आई थी, लेकिन अब बाजार में स्थिरता और थोड़ी मजबूती देखने को मिल रही है। गोदामों में कंपनियों द्वारा स्टॉकिंग बढ़ने से कीमतों को समर्थन मिल रहा है, हालांकि बढ़ती आपूर्ति के कारण तेजी में सीमितता बनी हुई है।
भारत में मक्का की कीमतों में पिछले कुछ हफ्तों में गिरावट आई थी, लेकिन अब बाजार में स्थिरता और थोड़ी मजबूती देखने को मिल रही है। गोदामों में कंपनियों द्वारा स्टॉकिंग बढ़ने से कीमतों को समर्थन मिल रहा है, हालांकि बढ़ती आपूर्ति के कारण तेजी में सीमितता बनी हुई है।
सरकार के मक्का से इथेनॉल बनाने की कीमतों में बढ़ोतरी के संकेतों ने भी बाजार की सकारात्मक भावना को बल दिया है। अब कई व्यापारी, जो कीमतों में और गिरावट का इंतजार कर रहे थे, वे भी स्टॉकिंग की ओर रुख कर रहे हैं।
हालांकि, कुछ विशेषज्ञों को यह चिंता है कि यदि अनाज आधारित इथेनॉल के लिए ₹73.40 प्रति लीटर की समान दर लागू होती है, तो मक्का की कीमतों पर दबाव बढ़ सकता है, क्योंकि इससे अन्य अनाजों की मांग में इजाफा हो सकता है।
हाल ही में अनाज इथेनॉल निर्माता संघ (GEMA) ने इस मुद्दे को लेकर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के सामने अपनी चिंताएं व्यक्त कीं। अगर सरकार इस प्रस्ताव पर विचार करती है, तो मक्का बाजार पर इसका असर साफ दिखाई दे सकता है।