इस सप्ताह तुवर बाजार में कई अहम बदलाव देखने को मिले, जिससे व्यापारी और निवेशक दोनों के लिए नई रणनीति बनाना ज़रूरी हो गया है। शुरुआत में बाजार में कुछ गिरावट देखने को मिली, खासकर लेमन क्वालिटी तुवर ₹7050/7070 प्रति क्विंटल तक नीचे आई। लेकिन जैसे-जैसे सप्ताह आगे बढ़ा, मंदी थम गई और बाजार ने स्थिरता की ओर रुख किया। इसका मुख्य कारण था कि महाराष्ट्र और कर्नाटक की मुख्य फसलें अब समाप्ति पर हैं, और वहां की मंडियों में अब दबाव नहीं रहा। इससे बाजार में नए खरीददारों की एंट्री शुरू हो गई है।
उत्तर प्रदेश, बिहार और मध्य प्रदेश की नई तुवर अपेक्षित गुणवत्ता और मात्रा में नहीं आ रही है, जिससे सप्लाई साइड कमजोर बनी हुई है। यही वजह है कि लेमन तुवर अब फिर से आकर्षक हो गई है। कर्नाटक की तुवर ₹72–74 प्रति किलो बिक रही है, जबकि चेन्नई से आयात की लागत ₹71/71.50 बैठ रही है। इन सब संकेतों के आधार पर यह कहा जा सकता है कि घरेलू भाव अब आयात भावों से सस्ते नहीं रहे और इसका बाजार पर सकारात्मक प्रभाव पड़ा है।
दूसरी ओर, रंगून (म्यांमार) से आने वाली तुवर के शिपमेंट भाव यहां के पड़ते से ₹250 प्रति क्विंटल ऊंचे चल रहे हैं। इसका सीधा असर यह हुआ है कि चेन्नई पोर्ट पर स्टॉक बढ़ गया है और आगे आयात महंगा होने की संभावना है। यही कारण है कि अब चेन्नई से भी बिकवाली रुक गई है और देश के प्रमुख दाल मिलर्स हर स्तर पर धीरे-धीरे खरीदारी करने लगे हैं।
एक और अहम बात यह रही कि स्टॉकिस्ट अब माल रोकने लगे हैं, क्योंकि उन्हें भी यह अंदेशा है कि वर्तमान भाव निचले स्तर के हैं और यहां से बढ़ने की पूरी संभावना है। यही कारण है कि बाजार में जो मंदी पिछले हफ्तों में बनी हुई थी, वह अब समाप्त होती दिखाई दे रही है।
बाजार के विशेषज्ञों की मानें तो अप्रैल-मई के दौरान तुवर की दाल में भी ₹10 प्रति किलो तक की तेजी आ सकती है। इस समय दाल ₹92–95 प्रति किलो बिक रही है, जो आगे ₹100 से ऊपर जाने की क्षमता रखती है। ऐसे में व्यापारियों के लिए यह समय तुवर में पोजिशन लेने का उपयुक्त समय है, विशेषकर जब आयात महंगा हो रहा है, और घरेलू स्टॉक सीमित है।
निष्कर्षतः, तुवर बाजार ने इस सप्ताह स्थिरता के बाद पुनः तेजी की ओर कदम बढ़ाया है। मौजूदा भाव निचले स्तर माने जा सकते हैं, और यहां से 100–150 रुपए प्रति क्विंटल की तेजी अगले कुछ हफ्तों में देखी जा सकती है। स्टॉक की कमी, आयात महंगा होना, और घरेलू फसल की सीमित आपूर्ति – यह तीनों फैक्टर मिलकर बाजार को ऊपर की ओर ले जा सकते हैं। व्यापारियों को सलाह दी जाती है कि वे रणनीति बनाकर वर्तमान भावों पर खरीदारी शुरू करें और स्टॉक को सुरक्षित रखें, क्योंकि बाजार में आने वाले हफ्तों में और मजबूती आने की संभावना है।