उत्तर प्रदेश सरकार **पॉपकॉर्न मक्का** की खेती को बढ़ावा देकर **2027 तक मक्का उत्पादन दोगुना** करने पर ध्यान दे रही है। बढ़ती बाजार मांग को देखते हुए किसानों को वित्तीय सहायता और प्रशिक्षण दिया जा रहा है। **पॉपकॉर्न मक्का 60 दिनों में तैयार** हो जाता है, जिससे जल्दी मुनाफा संभव है। मक्का का उपयोग **इथेनॉल, पशु चारा, दवाइयां, कॉस्मेटिक्स और खाद्य उद्योग** में बढ़ रहा है, जिससे व्यापार के नए अवसर बन सकते हैं।
लखनऊ: उत्तर प्रदेश सरकार राज्य में मक्का (Corn) उत्पादन को दोगुना करने और किसानों की आय बढ़ाने की दिशा में काम कर रही है। सरकार विशेष रूप से पॉपकॉर्न मक्का की खेती को बढ़ावा दे रही है, क्योंकि इसकी बाजार मांग तेजी से बढ़ रही है और 2033 तक इसका वैश्विक बाजार 662 मिलियन डॉलर तक पहुंचने की संभावना है।
राज्य सरकार का लक्ष्य 2027 तक मक्का उत्पादन को दोगुना करना है। इसके लिए अधिक क्षेत्र में मक्का की खेती करने और प्रति हेक्टेयर उपज बढ़ाने की रणनीति अपनाई जा रही है। खासकर पर्यटन स्थलों पर पारंपरिक पॉपकॉर्न, बेबी कॉर्न और स्वीट कॉर्न की मांग अधिक है, इसलिए सरकार इनकी खेती को बढ़ावा देने के लिए किसानों को वित्तीय सहायता और तकनीकी प्रशिक्षण उपलब्ध करा रही है। पॉपकॉर्न मक्का की फसल केवल 60 दिनों में तैयार हो जाती है, जबकि सामान्य मक्का को 80-120 दिन लगते हैं, जिससे किसानों को जल्दी मुनाफा मिलने का अवसर मिलेगा।
सरकार किसानों को बेहतर किस्मों के चयन की सलाह दे रही है ताकि वे अधिक उत्पादन कर सकें और बाजार में ऊंचे दाम प्राप्त कर सकें। मक्का का उपयोग न केवल आटा, बेबी कॉर्न और पॉपकॉर्न के रूप में हो रहा है, बल्कि यह इथेनॉल, पशु चारा, दवाइयों, कॉस्मेटिक्स, कपड़ा, पेपर और शराब जैसे उद्योगों में भी उपयोग किया जाता है। इससे किसानों को व्यापार और निर्यात के लिए नए अवसर मिल सकते हैं।
वर्तमान में उत्तर प्रदेश में 8.3 लाख हेक्टेयर भूमि पर मक्का की खेती होती है, जिससे हर साल 2.116 मिलियन टन उत्पादन किया जाता है। राज्य में मक्का, गेहूं और धान के बाद तीसरी सबसे महत्वपूर्ण फसल है। हालांकि, उत्तर प्रदेश में 2021-22 में प्रति हेक्टेयर उत्पादन 21.63 क्विंटल रहा, जो राष्ट्रीय औसत 26 क्विंटल से कम है, जबकि तमिलनाडु में यह 59.39 क्विंटल तक पहुंच गया है। इससे यह स्पष्ट होता है कि उत्तर प्रदेश में मक्का की उत्पादकता बढ़ाने की काफी संभावनाएं हैं।
सरकार की इस पहल से व्यापारियों और किसानों के लिए मक्का बाजार में नए अवसर खुल सकते हैं, जिससे राज्य के कृषि और व्यापार क्षेत्र को बड़ा लाभ मिलने की उम्मीद है।