अरहर दाल बाजार में कमजोरी, आयातित और देसी माल के भाव पर दबाव
इस सप्ताह दाल मिलों की कमजोर खरीदारी के कारण अरहर दाल के भाव में गिरावट आई है। खासकर देसी और अफ्रीकी देशों से आयातित अरहर के भाव पर दबाव देखने को मिला, जबकि मुंबई में लेमन अरहर के भाव में सुधार आया है। विशेषज्ञों के अनुसार, आयातित लेमन अरहर के भाव चेन्नई में नरम हो गए, जिससे घरेलू बाजार में इसके भाव में बड़ी तेजी की उम्मीद नहीं है।
नई दिल्ली: इस सप्ताह दाल मिलों की कमजोर खरीदारी के कारण अरहर दाल के भाव में गिरावट आई है। खासकर देसी और अफ्रीकी देशों से आयातित अरहर के भाव पर दबाव देखने को मिला, जबकि मुंबई में लेमन अरहर के भाव में सुधार आया है। विशेषज्ञों के अनुसार, आयातित लेमन अरहर के भाव चेन्नई में नरम हो गए, जिससे घरेलू बाजार में इसके भाव में बड़ी तेजी की उम्मीद नहीं है।
नई फसल के आगमन के मद्देनजर दाल मिलें अब अपनी जरूरत के हिसाब से ही अरहर की खरीदारी कर रही हैं। चेन्नई और मुंबई में आयातित अरहर का स्टॉक अधिक होने के कारण बाजार में भाव स्थिर रहने की संभावना है। इस साल महाराष्ट्र और कर्नाटक में अरहर की प्रति हेक्टेयर पैदावार में वृद्धि की उम्मीद है। महाराष्ट्र में नई फसल की आवक दिसंबर में शुरू होगी, जबकि कर्नाटक में कटाई इस महीने के अंत तक शुरू हो जाएगी। इसके साथ ही केंद्र सरकार अरहर की कीमतों की निरंतर समीक्षा कर रही है, जिससे बाजार पर निगरानी बनी हुई है।
हालांकि, खपत का सीजन होने के कारण अरहर दाल की मांग बनी रहने की संभावना जताई जा रही है। इस स्थिति में व्यापारियों को डिमांड के अनुसार व्यापार करने की सलाह दी जा रही है, क्योंकि मौजूदा बाजार परिस्थितियों में कोई बड़ी तेजी की उम्मीद कम है।