मई के दूसरे सप्ताह में अनाज बाजार का रुख मुख्य रूप से स्थिर से तेज़ रहा, विशेषकर गेहूं की मांग और सरकारी खरीद की वजह से। मंडियों में खुली आवक सीमित रही, क्योंकि किसान और व्यापारियों ने अपना माल एफसीआई और सरकारी एजेंसियों को बेचना प्राथमिकता दी। इंदौर, कानपुर, दिल्ली और कोटा की मंडियों में गेहूं के भाव ₹2450 से ₹2575 प्रति क्विंटल तक देखे गए। लोकवन और मिल क्वालिटी गेहूं की मांग बनी हुई है, खासकर रिफाइन मिलर्स और बेकरी इकाइयों से।
मक्का की बात करें तो यह बाजार फिलहाल सधी हुई चाल में है। मौसम की गर्मी ने उत्पादन और आवक को थोड़ा प्रभावित किया है, लेकिन मिलर्स और फीड इंडस्ट्री की लगातार खरीद से बाजार स्थिर है। बिहार, उत्तर प्रदेश और मध्यप्रदेश में मक्का ₹1850–₹1980 के दायरे में रहा। एक्सपोर्ट मांग कमजोर बनी हुई है, लेकिन घरेलू मांग बाजार को सहारा दे रही है।
धान, खासकर बासमती (1121), ने इस सप्ताह अच्छा प्रदर्शन किया। पुराने स्टॉक में मिलर्स और ट्रेडर्स की खरीदारी सक्रिय रही और ₹6200 से ₹6500 तक के भाव आम रहे। उत्तर भारत में विशेषकर हरियाणा और पंजाब की मंडियों में अच्छी गतिविधि देखी गई। हालांकि नॉन-बासमती धान में ज्यादा हलचल नहीं रही।
जौ (बार्ली) की स्थिति भी स्थिर बनी हुई है। बीयर और माल्ट उद्योग से जुड़ी मांग बनी रही, जिससे राजस्थान में ₹2100–₹2150 के आसपास स्थिर भाव देखने को मिले।
निष्कर्ष:
इस सप्ताह अनाज बाजार को सबसे ज़्यादा सहारा सरकारी गेहूं खरीद से मिला है, जिसने खुले बाजार में मांग को स्थिर रखा। मक्का में घरेलू उपयोग से सपोर्ट बना हुआ है, जबकि धान में बासमती वैरायटी मांग में रही। जौ की स्थिरता से बाजार में संतुलन दिख रहा है। अगर मानसून समय पर आता है, तो अगले 2 हफ्तों में मंडियों में बुवाई से जुड़ी हलचल और ज्यादा तेज़ हो सकती है।