गुजरात सरकार ने सिर्फ 11 दिनों में ₹1,177 करोड़ की मूंगफली MSP पर खरीदकर बाजार को साफ संकेत दिया है कि इस सीज़न में राज्य बड़े पैमाने पर सपोर्ट-आधारित procurement की रणनीति अपना रहा है। अब तक 70,000 किसानों से 1.62 लाख टन मूंगफली की खरीद हो चुकी है, जबकि 9.31 लाख से अधिक किसान MSP बिक्री के लिए पंजीकृत हैं।
सरकार ने 9 नवंबर से खरीदी शुरू की है और कुल ₹15,000 करोड़ की खरीफ उपज खरीदने का लक्ष्य तय किया है—जिसमें शामिल हैं:
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मूंगफली – ₹7,263/क्विंटल
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मूंग – ₹8,768/क्विंटल
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उड़द – ₹7,800/क्विंटल
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सोयाबीन – ₹5,328/क्विंटल
इस बार गुजरात में असमय बारिश से फसल को भारी नुकसान हुआ था, जिसके चलते सरकार ने ₹10,000 करोड़ के राहत पैकेज के लिए 10 लाख से अधिक किसानों का पंजीकरण भी पूरा कर लिया है। इसके अलावा ₹1,138 करोड़ के अतिरिक्त मुआवज़े के लिए 1.25 लाख किसानों ने आवेदन किया है।
व्यापारियों और प्रोसेसर के लिए इसका मतलब क्या है?
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MSP खरीद तेज होने से आवक का बड़ा हिस्सा सरकारी सिस्टम में जाएगा, जिससे मंडियों में खुली उपलब्धता सीमित रह सकती है।
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कीमतों में अचानक गिरावट की संभावना अब कम, क्योंकि सरकार सक्रिय रूप से बैकस्टॉप प्रदान कर रही है।
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आगे चलकर प्राइवेट ट्रेडिंग में competition बढ़ेगा, क्योंकि किसान सरकारी खरीद को प्राथमिकता देंगे।
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प्रोसेसरों के लिए यह संकेत है कि दिसंबर–जनवरी में मूंगफली की ओपन मार्केट availability टाइट रह सकती है, जिससे कर्नेल और तेल उद्योग दोनों में cost pressure बढ़ सकता है।