कनाडा के लिए आने वाला साल मसूर दाल के निर्यात के लिहाज से चुनौतीपूर्ण हो सकता है, और विशेषज्ञों का मानना है कि वैश्विक मांग में मजबूती ही कीमतों को संभाल सकती है। इस बीच, तुर्की में मसूर का बेहद कमजोर उत्पादन कनाडा के लिए कुछ राहत वाला कारक माना जा रहा है।
इस साल तुर्की में लाल मसूर का उत्पादन 43% गिरकर 2.3 लाख टन पर आ गया है, जो रिकॉर्ड में तीसरा सबसे कम आंकड़ा है। हरी मसूर का उत्पादन भी 58% घटकर 29,700 टन रह गया। माना जा रहा है कि कमजोर घरेलू उत्पादन के चलते तुर्की को आयात बढ़ाना पड़ेगा, जिससे कनाडा को फायदा मिल सकता है।
क्यों महत्वपूर्ण है: तुर्की कनाडा का भारत के बाद दूसरा सबसे बड़ा मसूर आयातक है। 2025 के पहले नौ महीनों में तुर्की ने लगभग 4.06 लाख टन मसूर खरीदी, जिसमें कज़ाखस्तान 42% और कनाडा 36% हिस्सेदारी के साथ प्रमुख आपूर्तिकर्ता रहे।
कंसल्टिंग फर्म Mercantile का अनुमान है कि तुर्की 2025-26 में करीब 3.25 लाख टन मसूर खरीदेगा।
उधर, कनाडा में उत्पादन इस साल 22% बढ़कर 29.7 लाख टन तक पहुंच गया है, जो रिकॉर्ड स्तर के करीब है। हालांकि, विशेषज्ञों का कहना है कि उच्च उत्पादन के बावजूद गुणवत्ता काफी असमान है। Saskatchewan Agriculture के अनुसार केवल 22% मसूर ही टॉप ग्रेड में रही है, जबकि सामान्य औसत 31% होता है। करीब 20% कम गुणवत्ता वाली दाल फीड मार्केट में जा सकती है।
Mercantile के अनुमान के अनुसार, इस साल उत्पादन का बंटवारा इस तरह है:
ग्रीन मसूर की सप्लाई पिछले तीन वर्षों की तुलना में बेहतर है, जबकि लाल मसूर उत्पादन कुछ कम है, इसी वजह से दोनों किस्मों के दामों में अंतर कम हुआ है।
वैश्विक स्तर पर भी उत्पादन बढ़ा है। दुनिया भर में मसूर उत्पादन इस सीजन में 15% बढ़कर 76 लाख टन होने का अनुमान है। ऑस्ट्रेलिया, रूस और कज़ाखस्तान जैसे देशों में भी उत्पादन अच्छा रहा है। ऑस्ट्रेलिया की फसल अनुमानित 17.1 लाख टन है, और यह अनुमान आगे और बढ़ सकता है।
कनाडा के लिए बड़ी चिंता इसका 1.15–1.19 मिलियन टन का भारी कैरिआउट है, जो लगभग 45% स्टॉक-टू-यूज़ रेशियो दर्शाता है—अर्थात बाज़ार में दाल की भारी उपलब्धता।
भारत, जो दुनिया का सबसे बड़ा मसूर आयातक है, 2025-26 में लगभग 6.5 लाख टन खरीदेगा, लेकिन वहाँ ऑस्ट्रेलिया से कड़ी प्रतिस्पर्धा रहने वाली है।
बाजार विश्लेषकों का कहना है कि 2025-26 में मसूर की कीमतों को सहारा देने के लिए वैश्विक मांग का मजबूत होना ही सबसे महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा, क्योंकि सप्लाई भरपूर है और स्टॉक भी अधिक।