भारत में 2024 में उड़द दाल के आयात में 27% की बढ़ोतरी दर्ज की गई है। वर्ष 2023 में जहां 5.99 लाख मीट्रिक टन उड़द का आयात हुआ था, वहीं 2024 में यह बढ़कर 7.59 लाख मीट्रिक टन हो गया है। सबसे अधिक उड़द आयात म्यांमार से हुआ, जबकि ब्राजील और अन्य देशों से भी मामूली मात्रा में आपूर्ति.........पूरी खबर पढ़ने के लिए Amotrade डाउनलोड करें
भारत में 2024 में उड़द दाल के आयात में 27% की बढ़ोतरी दर्ज की गई है। वर्ष 2023 में जहां 5.99 लाख मीट्रिक टन उड़द का आयात हुआ था, वहीं 2024 में यह बढ़कर 7.59 लाख मीट्रिक टन हो गया है। सबसे अधिक उड़द आयात म्यांमार से हुआ, जबकि ब्राजील और अन्य देशों से भी मामूली मात्रा में आपूर्ति की गई। बढ़ते आयात के कारण घरेलू किसानों और व्यापारियों के लिए नई चुनौतियां और संभावनाएं बन सकती हैं।
कनाडा में फसल क्षेत्र का बदलता रुख – मसूर घटा, मटर बढ़ा
कनाडा में 2025 की फसल योजना के अनुसार, मटर की खेती बढ़ने और मसूर की खेती घटने की संभावना है। मसूर के लिए बोए जाने वाले क्षेत्र में 0.8% की गिरावट देखी गई है, जिससे यह 4.2 मिलियन एकड़** तक सीमित रह सकता है। वहीं, मटर की खेती में 9.5% की वृद्धि दर्ज की गई है, जो 3.5 मिलियन एकड़ तक पहुंच सकती है। इसके पीछे मुख्य कारण अन्य फसलों की तुलना में मटर की बेहतर कीमतें बताई जा रही हैं।
भारत में दलहन उत्पादन पर नया अनुमान – उड़द का उत्पादन घटा, चने में बढ़ोतरी
भारत में 2024-25 के लिए दलहन उत्पादन का दूसरा अग्रिम अनुमान जारी किया गया है, जिसमें मिश्रित रुझान देखने को मिला है। चना (ग्राम) का उत्पादन 4.49% बढ़कर 115.35 लाख टन होने की उम्मीद है, जबकि खरीफ उड़द का उत्पादन 20.07% घटकर 12.82 लाख टन रह सकता है। कुल मिलाकर, भारत में दलहन उत्पादन 230.22 लाख टन रहने की संभावना है, जो पिछले साल के 242.46 लाख टन से करीब 5% कम है।
बाजार पर संभावित असर
बढ़ते आयात और घरेलू उत्पादन में संभावित गिरावट से उड़द की कीमतों में स्थिरता या हल्की बढ़त देखी जा सकती है। दूसरी ओर, मसूर की खेती घटने से उसकी कीमतों में उछाल आने की संभावना है, जबकि मटर की बढ़ी हुई पैदावार से बाजार में इसकी उपलब्धता बेहतर रह सकती है। किसानों और व्यापारियों को आगामी महीनों में इन बदलावों पर पैनी नजर रखनी होगी।