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मध्य प्रदेश में बोवनी के बाद गेहूं के रेट में 150 रुपये की आई मंदी
मध्य प्रदेश के किसानों ने इस साल गेहूं की पोषक, मालवराज, तेजस और 513 जैसी उन्नत किस्मों की बोवनी बड़े पैमाने पर की है। इस बार उज्जैन जिले में गेहूं का रकबा 4.50 लाख हेक्टेयर तक पहुंच गया है, जिसमें 90% खेतों में बुवाई पूरी हो चुकी है। मालवा में अच्छी बारिश के चलते किसानों ने गेहूं को प्राथमिकता दी।
हालांकि, बोवनी के बाद बाजार में गेहूं के दाम में 150 रुपये प्रति क्विंटल की गिरावट आई है। चमक वाले गेहूं का भाव, जो पहले 3500 रुपये प्रति क्विंटल था, अब गिरकर सामान्य स्तर पर आ गया है। मिल क्वालिटी गेहूं के भाव में भी कमी देखने को मिल रही है।
मध्य प्रदेश के किसानों ने इस साल गेहूं की पोषक, मालवराज, तेजस और 513 जैसी उन्नत किस्मों की बोवनी बड़े पैमाने पर की है। इस बार उज्जैन जिले में गेहूं का रकबा 4.50 लाख हेक्टेयर तक पहुंच गया है, जिसमें 90% खेतों में बुवाई पूरी हो चुकी है। मालवा में अच्छी बारिश के चलते किसानों ने गेहूं को प्राथमिकता दी।
हालांकि, बोवनी के बाद बाजार में गेहूं के दाम में 150 रुपये प्रति क्विंटल की गिरावट आई है। चमक वाले गेहूं का भाव, जो पहले 3500 रुपये प्रति क्विंटल था, अब गिरकर सामान्य स्तर पर आ गया है। मिल क्वालिटी गेहूं के भाव में भी कमी देखने को मिल रही है।
चमक वाले गेहूं की मांग और उत्पादन का असर
स्टॉकिस्टों ने इस सीजन में 500-600 रुपये प्रति क्विंटल तक की तेजी देखी। लेकिन अब सरकार द्वारा स्टॉक सीमा लागू करने और ओपन सेल स्कीम में गेहूं न बेच पाने की वजह से बाजार में मंदी छा गई है।
सरकार के गेहूं स्टॉक पर नजर
केंद्र सरकार के पास गेहूं का स्टॉक कम होने के कारण गरीब उपभोक्ताओं को चावल की आपूर्ति की जा रही है। इसके अलावा, स्टॉकिस्टों का स्टॉक खत्म होने और लेवाली कमजोर होने के कारण बाजार सुस्त पड़ा है।