भारत सरकार द्वारा 8 मार्च को मसूर पर 10% आयात शुल्क लगाए जाने के बाद, अमेरिका ने अपने निर्यातित पीली मसूर (Yellow Masoor) के लिए एक अलग HSN (Harmonized System of Nomenclature) कोड की ...........पूरी खबर पढ़ने के लिए Amotraade डाउनलोड करें
नई दिल्ली, 25 मार्च 2025 – भारत सरकार द्वारा 8 मार्च को मसूर पर 10% आयात शुल्क लगाए जाने के बाद, अमेरिका ने अपने निर्यातित पीली मसूर (Yellow Masoor) के लिए एक अलग HSN (Harmonized System of Nomenclature) कोड की मांग की है। अमेरिका चाहता है कि पीली मसूर को लाल मसूर से अलग श्रेणी में रखा जाए, जिससे इसे आयात शुल्क में छूट मिल सके।
क्या है पूरा मामला?
भारत में वर्तमान में सभी प्रकार की मसूर (लाल और पीली) को एक ही HSN कोड के तहत वर्गीकृत किया गया है, जिससे उन पर समान शुल्क लागू होता है। भारत सरकार ने 8 मार्च से मसूर दाल के आयात पर 10% शुल्क लगा दिया, लेकिन पीली मटर (Yellow Peas) पर 31 मई तक शून्य शुल्क जारी रखने का निर्णय लिया।
अमेरिकी व्यापार अधिकारियों का मानना है कि पीली मसूर का HSN कोड अलग होने से इसे लाल मसूर के आयात शुल्क से राहत मिल सकती है। इससे अमेरिका को भारत में अपने पीली मसूर के निर्यात को बढ़ाने में मदद मिलेगी।
अमेरिका का तर्क
अमेरिका का कहना है कि पीली मसूर की संरचना और उपयोग लाल मसूर से भिन्न है। अगर इसका अलग HSN कोड मिलता है, तो यह भारत में शून्य या कम शुल्क पर आयात की जा सकेगी। भारत सरकार इस मांग पर विचार कर रही है, लेकिन अभी कोई निर्णय नहीं लिया गया है।
व्यापार पर असर
अगर भारत अमेरिका की मांग को स्वीकार करता है और पीली मसूर को अलग कोड देता है, तो इसका सीधा असर घरेलू किसानों और मसूर व्यापारियों पर पड़ेगा। इससे भारतीय मसूर की कीमतें प्रभावित हो सकती हैं और किसानों को नुकसान हो सकता है। वहीं, अमेरिका जैसे देशों को भारतीय बाजार में प्रतिस्पर्धा में बढ़त मिल जाएगी।
आगे क्या?
भारत सरकार इस मुद्दे पर अभी विचार कर रही है और व्यापार वार्ताओं के तहत इसका आकलन किया जा रहा है। अगर भारत इस प्रस्ताव को स्वीकार करता है, तो यह अन्य देशों के लिए भी आयात शुल्क छूट के दावों का रास्ता खोल सकता है।
👉 क्या भारत सरकार अमेरिका की इस मांग को मानेगी या घरेलू किसानों के हितों की रक्षा करेगी? इसका फैसला जल्द होने की संभावना है।