हरियाणा, मध्यप्रदेश, राजस्थान में घटा रकबा, लेकिन पैदावार के आसार मजबूत
भारत में रबी सीजन की प्रमुख फसल गेहूं की बुवाई अपने चरम पर है। कई राज्यों में किसान बड़ी संख्या में बुवाई का काम पूरा कर चुके हैं, जबकि कुछ इलाकों में यह प्रक्रिया अभी भी जारी है। इस बार किसान उच्च गुणवत्ता वाले खाद और बीज का उपयोग कर रहे हैं, जिससे बेहतर उत्पादन की उम्मीद की जा रही है। कृषि वैज्ञानिकों और विशेषज्ञों का मानना है कि अनुकूल परिस्थितियों के चलते इस साल गेहूं की अच्छी पैदावार हो सकती है।
भारत में रबी सीजन की प्रमुख फसल गेहूं की बुवाई अपने चरम पर है। कई राज्यों में किसान बड़ी संख्या में बुवाई का काम पूरा कर चुके हैं, जबकि कुछ इलाकों में यह प्रक्रिया अभी भी जारी है। इस बार किसान उच्च गुणवत्ता वाले खाद और बीज का उपयोग कर रहे हैं, जिससे बेहतर उत्पादन की उम्मीद की जा रही है। कृषि वैज्ञानिकों और विशेषज्ञों का मानना है कि अनुकूल परिस्थितियों के चलते इस साल गेहूं की अच्छी पैदावार हो सकती है।
सरकार ने इस साल गेहूं उत्पादन का लक्ष्य 115 मिलियन टन निर्धारित किया है। पिछले साल भी यह लक्ष्य सफलतापूर्वक हासिल किया गया था, और इस बार मानसून के लंबे समय तक सक्रिय रहने से फसल के लिए पर्याप्त पानी उपलब्ध है, जो उत्पादन में सहायक होगा। सिंचाई के लिए बेहतर जल संसाधन और किसानों की मेहनत के कारण इस बार बेहतर नतीजे मिलने की उम्मीद है।
हालांकि, 8 नवंबर तक के आंकड़ों के मुताबिक, गेहूं की बुवाई का कुल रकबा पिछले साल की तुलना में 15% कम रहा। अब तक 41.3 लाख हेक्टेयर में बुवाई पूरी हो चुकी है। हरियाणा, मध्यप्रदेश और राजस्थान जैसे राज्यों में बुवाई के क्षेत्रफल में कमी देखी गई है। लेकिन अभी बुवाई का शुरुआती चरण है, और आने वाले दिनों में इसमें वृद्धि होने की संभावना है।
कृषि विशेषज्ञों का मानना है कि यदि मौसम अनुकूल रहता है और किसान सही तकनीकों का उपयोग करते हैं, तो गेहूं का उत्पादन तय लक्ष्य तक पहुंच सकता है। किसान अपनी फसल की उचित देखभाल और सिंचाई प्रबंधन के जरिए पैदावार को बढ़ा सकते हैं।