ऑस्ट्रेलिया से चने के निर्यात में फरवरी महीने के दौरान भारी गिरावट देखी गई है। फरवरी में कुल 2,98,792 टन चने का निर्यात किया गया, जो कि जनवरी के मुकाबले 48% कम है। जनवरी में यह आंकड़ा ...........
ऑस्ट्रेलिया से चने के वैश्विक निर्यात में फरवरी 2025 में भारी गिरावट दर्ज की गई है। फरवरी माह में ऑस्ट्रेलिया ने केवल 2,98,792 टन चने का निर्यात किया, जो जनवरी में निर्यात किए गए 5,76,907 टन के मुकाबले 48% कम है। इस गिरावट के बावजूद भारत 2,35,264 टन की खरीद के साथ सबसे बड़ा आयातक बना रहा।
भारत अब तक वर्ष 2025 में कुल 12.15 लाख टन ऑस्ट्रेलियाई चना आयात कर चुका है, जिससे यह स्पष्ट है कि भारतीय बाजार ऑस्ट्रेलिया के लिए एक प्रमुख निर्यात गंतव्य बना हुआ है। भारत के बाद बांग्लादेश ने लगभग 2.02 लाख टन, पाकिस्तान ने 1.35 लाख टन, यूएई ने 17,950 टन, नेपाल ने 11,269 टन और अन्य देशों जैसे यूके, कनाडा आदि ने भी मिलकर हज़ारों टन चना आयात किया है।
वर्तमान में भारत ऑस्ट्रेलियाई चने पर 11% आयात शुल्क (टैरिफ) लगा रहा है, और फिलहाल कोई रियायती टैरिफ कोटा उपलब्ध नहीं है। इससे भारतीय बाजार में आयातित चने की कीमतों पर दबाव बना हुआ है।
हालांकि, ऑस्ट्रेलियन डॉलर में हाल ही में आई गिरावट – जो अमेरिकी डॉलर के मुकाबले 60 सेंट से नीचे पहुंच गई है – ने ऑस्ट्रेलियाई निर्यातकों को राहत प्रदान की है। विश्लेषकों का मानना है कि इस मुद्रा कमजोरी के चलते ऑस्ट्रेलिया अब भी भारतीय बाजार में प्रतिस्पर्धी बना रह सकता है, भले ही पूर्ण टैरिफ लागू हो।
ट्रेड विशेषज्ञों का यह भी कहना है कि चने के निर्यात में आई यह गिरावट मौसमी हो सकती है या फिर वैश्विक मांग में अस्थायी मंदी का संकेत हो सकती है। बदलती व्यापार नीतियाँ, टैरिफ संरचनाएं और मुद्रा विनिमय दरें अगले कुछ महीनों में चना व्यापार की दिशा तय कर सकती हैं। भारत जैसे बड़े उपभोक्ता बाजार के लिए यह कीमतों और आपूर्ति की दृष्टि से एक निर्णायक समय हो सकता है।