पिछले सप्ताह की तुलना में इस सप्ताह गेहूँ के दामों में उलटा रुख देखने को मिला। सप्ताह की शुरुआत में दो-तीन दिन हल्की तेजी रही, लेकिन सप्ताह के अंत तक दाम करीब 25 से 30 रुपये प्रति क्विंटल गिर गए। औसतन भाव 2,620 रुपये प्रति क्विंटल से घटकर 2,590 रुपये प्रति क्विंटल रह गए, जबकि दिल्ली बाजार भी 2,825 से 2,830 रुपये प्रति क्विंटल पर बंद हुआ। इस दौरान मंडियों में आवक सामान्य रही। शुरुआती दिनों में भाव थोड़े बढ़े, लेकिन बाद में व्यापारियों ने सतर्क होकर खरीद कम कर दी। त्योहारों और नवरात्रि के कारण मांग में थोड़ी बढ़त आई, लेकिन पर्याप्त स्टॉक न होने से व्यापारी बड़ी खरीदारी करने से बचते रहे, जिससे बाजार में उतार-चढ़ाव बना रहा।
सरकार ने अब गेहूँ वितरण योजना की जगह डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर (GBT) योजना लागू की है, जिसके तहत पात्र उपभोक्ताओं को सीधे पैसे दिए जाएंगे। इस बदलाव से बाजार में गेहूँ की उपलब्धता कम हुई है और दामों में स्थिरता बनी हुई है। मौसम की अनिश्चितता और नई फसल की आवक ने भी दामों को प्रभावित किया है। अगर अगले सप्ताह बारिश कम रही और नई फसल की आवक सामान्य रही, तो दामों में स्थिरता बनी रह सकती है।
बाजार में चर्चा है कि सरकार जल्द ही ओपन मार्केट सेल स्कीम (OMSS) के तहत गेहूँ की बिक्री शुरू कर सकती है। ऐसा होने पर मंडियों में सप्लाई बढ़ेगी और दामों पर दबाव आ सकता है। आने वाले दिनों में मौसम की स्थिति, नई फसल की गुणवत्ता और मात्रा ही बाजार की दिशा तय करेंगी। फिलहाल व्यापारी सतर्क हैं और मांग के हिसाब से ही खरीद-फरोख्त कर रहे हैं। कुल मिलाकर, इस सप्ताह गेहूँ के दामों में गिरावट देखी गई और सीमित सप्लाई, नई GBT योजना तथा मांग में उतार-चढ़ाव से बाजार अस्थिर रहा। आने वाले सप्ताह में OMSS बिक्री, नई फसल और मौसम बाजार की चाल तय करेंगे, और संभावना है कि गेहूँ के दाम फिलहाल स्थिर रह सकते हैं।