सोयाबीन प्रोसेसर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (SOPA) के अनुसार देश के सबसे बड़े सोयाबीन उत्पादक राज्य मध्यप्रदेश में अत्यधिक बारिश के कारण लगभग 6% फसल प्रभावित हुई है। किसानों और व्यापारियों की ओर से उत्पादन को लेकर लगातार चिंता जताई जा रही है। जहां पिछले वर्ष एक एकड़ में औसतन 3 से 4 बोरी सोयाबीन का उत्पादन हुआ था, वहीं इस वर्ष यह घटकर लगभग 2 बोरी तक सीमित रहने की आशंका जताई जा रही है।
हालांकि पिछले कुछ दिनों से प्रमुख उत्पादक क्षेत्रों में मौसम साफ़ रहने से खेतों में जलभराव की समस्या धीरे-धीरे कम हो रही है। इससे फसल की गुणवत्ता पर व्यापक असर पड़ने की संभावना कम हो गई है। लेकिन जिन किसानों ने शुरुआती चरण में कटाई की, उनकी फसल की गुणवत्ता पर असर पड़ा है। जिन बड़ी मंडियों में नए सोयाबीन की आवक शुरू हुई है, वहां लगभग 40 से 50 प्रतिशत सोयाबीन दागदार और अधिक नमी वाला देखा जा रहा है।
व्यापारियों का कहना है कि अभी नई आवक का दबाव सीमित है, क्योंकि कई क्षेत्रों में कटाई का कार्य जारी है। आने वाले 10 से 15 दिनों में आवक में तेजी आने और बाजार पर दबाव बढ़ने की संभावना जताई जा रही है।