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चना बाजार: देसी चने में सुधार की संभावना, काबुली चना सुस्त
चना बाजार में मिश्रित रुख है, जहां देसी चने में आपूर्ति की कमी और बढ़ती खपत के चलते सुधार की संभावना है, और इसके भाव 6550 रुपए से बढ़कर जल्द ही 6800 रुपए प्रति क्विंटल तक पहुंच सकते हैं। दूसरी ओर, काबुली चने में कमजोर ग्राहकी और स्टॉकिस्टों की बिकवाली के कारण बाजार दबाव में है, जिससे इसके भाव 88-90 रुपए प्रति किलो पर स्थिर हैं, और लंबी तेजी की संभावना नहीं है।
Opinion
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18 Jan
चना बाजार में फिलहाल मिश्रित रुख देखने को मिल रहा है। देसी चने में पिछले माह से चली आ रही मंदी अब थमती दिख रही है। विदेशी ऑस्ट्रेलियाई चने की दहशत से राजस्थानी देसी चना 6500 रुपए प्रति क्विंटल तक गिर गया था। लेकिन दाल मिलों की बढ़ती खरीदारी और बाजार में आपूर्ति की कमी के चलते इसके भाव 6550 रुपए प्रति क्विंटल तक पहुंच गए हैं। खपत बढ़ने के अनुमान के साथ विशेषज्ञों का मानना है कि देसी चना जल्द ही 6800 रुपए प्रति क्विंटल के स्तर को पार कर सकता है।
वहीं, काबुली चने का बाजार सुस्त है। पिछले 5 महीनों की गिरावट के बाद कुछ समय के लिए मांग में सुधार दिखा, लेकिन मौजूदा भावों पर कमजोर ग्राहकी और स्टॉकिस्टों द्वारा माल निकालने के कारण बाजार पर दबाव बना हुआ है। महाराष्ट्र का काबुली चना 88-90 रुपए प्रति किलो पर स्थिर है, लेकिन इसमें लंबी तेजी की संभावना नहीं दिख रही।
सार: चना बाजार में जहां देसी चने में सुधार की संभावना है, वहीं काबुली चने में मांग की कमी से बाजार कमजोर बना हुआ है। व्यापारियों को सतर्कता से निर्णय लेने की जरूरत है।