मटर व्यापार में बदलाव: वायदा बाजार और आयात पर असर
अक्टूबर 2024 से मटर के वायदा व्यापार की शुरुआत और कनाडा से आयात में खटास के चलते मटर बाजार में हलचल तेज हो गई है। घरेलू स्तर पर उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश में बुवाई 40% तक घटने, मौसम की प्रतिकूलता और आयातित मटर के स्टॉक के चलते कीमतें ₹3300 से बढ़कर ₹3400-3450 प्रति क्विंटल हो गई हैं। वायदा बाजार का डिलीवरी सेंटर कानपुर में स्थापित होने से व्यापार को मजबूती मिलने की उम्मीद है। सीमित उत्पादन और बढ़ती मांग के बीच मटर के दामों में तेजी के संकेत स्पष्ट हैं।
पिछले अक्टूबर से मटर के वायदा व्यापार को सरकार ने अनुमति दी है, जिससे व्यापारियों के बीच नई संभावनाएं पैदा हो रही हैं। हालांकि, कनाडा के साथ भारत के रिश्तों में खटास आने से बंदरगाहों पर आयातित मटर का स्टॉक बिक्री में सुस्ती देख रहा है। पहले जो मटर ₹3300 प्रति क्विंटल बिक रही थी, अब उसके भाव ₹3400-3450 तक पहुंच गए हैं। घरेलू बाजार में भी छनी हुई मटर की कीमतें गुणवत्ता के आधार पर बढ़ रही हैं।
मौजूदा मौसम और कम दाम के चलते उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश में मटर की बुवाई में 40% तक की कमी आई है। किसान टमाटर, गोभी, मिर्च और आलू जैसी अन्य फसलों की ओर रुख कर रहे हैं। मौसम के गर्म रहने से फसलों की ग्रोथ प्रभावित हुई है, जिससे मटर में जल्दी फूल लग रहे हैं। ललितपुर और झांसी क्षेत्रों में बुवाई अब तक बहुत कम हुई है, और पिछली बरसात की वजह से फसलें देर से आ रही हैं।
कनाडा में भी मटर की बुवाई और उत्पादन में गिरावट की खबरें हैं, जिससे वैश्विक बाजार में भी आपूर्ति सीमित हो सकती है। इस साल अब तक 22-23 लाख मीट्रिक टन मटर भारत में आयात हुई है, जिसमें से 16 लाख मीट्रिक टन सस्ती कीमतों पर खप चुकी है। हालांकि, बंदरगाहों और मंडियों में अभी भी पर्याप्त स्टॉक मौजूद है। घरेलू फसल आने में तीन महीने का समय है, और मौजूदा भाव ₹38 प्रति किलो से कम होने की संभावना नहीं दिख रही है।
वायदा बाजार में मटर व्यापार शुरू होने से व्यापारियों को लाभ की संभावना है। इसका डिलीवरी सेंटर कानपुर बनाया गया है, जिससे व्यापार में सुधार की उम्मीदें हैं। आयात और घरेलू उत्पादन में कमी को देखते हुए आने वाले समय में देसी और विदेशी मटर के दामों में तेजी के संकेत मिल रहे हैं।