काबुली चना: आपूर्ति अधिक, मांग सुस्त, भाव कमजोर

काबुली चने की आपूर्ति मांग से अधिक होने और घरेलू व अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मांग कमजोर रहने से बाजार में नरमी का रुख है, जबकि नई फसल एक माह में आने की उम्मीद है; ब्राजील, कनाडा व अन्य देशों में बेहतर उत्पादन और सस्ते दामों के चलते भारतीय निर्यात प्रभावित हुआ है, वहीं शादियों के मौसम से थोड़ी मांग बढ़ सकती है, लेकिन सब्जियों की उपलब्धता और सर्दियों में घटती खपत से कीमतों में 2,000-3,000 रुपये प्रति क्विंटल तक गिरावट की संभावना जताई जा रही है, जिससे सावधानीपूर्वक व्यापार और स्टॉक प्रबंधन की सलाह दी गई है।

Opinion 15 Jan  
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काबुली चना की आपूर्ति मांग से अधिक होने के कारण और घरेलू एवं निर्यात मांग में सुस्ती की वजह से बाजार का रुख नरमी का बना हुआ है। नई फसल का आगमन अगले एक माह में शुरू होने की संभावना है। मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, कर्नाटक, गुजरात और उत्तर प्रदेश में काबुली चने की बुवाई अच्छी हुई है। खेतों में खड़ी फसल को बढ़िया बताया जा रहा है।

अंतरराष्ट्रीय उत्पादन और कीमतों का प्रभाव ब्राजील, बुल्गारिया, कनाडा, जॉर्डन, सीरिया और तुर्की में भी इस साल काबुली चने की फसल अच्छी रही है। इन देशों में उत्पादन अधिक होने के कारण काबुली चना के दाम कम हैं, जिससे भारत से निर्यात की मांग कमजोर हो गई है।

कनाडा से काबुली चना के निर्यात में अक्टूबर से नवंबर के दौरान बढ़ोतरी दर्ज की गई। अक्टूबर में यह निर्यात 12,516 टन था, जो नवंबर में बढ़कर 20,443 टन हो गया। 2023 की तुलना में 2024 के दौरान कनाडा में काबुली चने के उत्पादन में अच्छी वृद्धि हुई है। इसका सीधा असर भारतीय काबुली चने की अंतरराष्ट्रीय मांग पर पड़ा है।

स्थानीय मांग और बाजार पर असर आज, 15 जनवरी से शादियों का मौसम शुरू हो रहा है। इस वजह से काबुली चने की मांग में थोड़ी तेजी आ सकती है। हालांकि, विशेषज्ञों का मानना है कि मौजूदा स्टॉक को निकालने पर जोर देना चाहिए। सब्जियों के सस्ते होने और सर्दियों में काबुली चने की मांग घटने से भाव में कोई स्थायी तेजी की संभावना नहीं है।

भाव और भविष्य की स्थिति मौजूदा परिस्थितियों को देखते हुए अनुमान है कि नए सीजन में आवक बढ़ने से काबुली चने के दाम धीरे-धीरे 2,000-3,000 रुपये प्रति क्विंटल तक घट सकते हैं। व्यापारियों को सलाह दी जाती है कि जरूरत के हिसाब से ही स्टॉक रखें और रोलिंग व्यापार पर ध्यान दें।

निष्कर्ष मौजूदा स्थिति को "लाल बत्ती" के रूप में देखा जा सकता है। काबुली चने की कीमतों में गिरावट की संभावना को ध्यान में रखते हुए सावधानीपूर्वक व्यापार करने की जरूरत है। फसल और बाजार की स्थिति पर नजर बनाए रखें और आवश्यकतानुसार ही स्टॉक प्रबंधन करें।