सोयाबीन बाजार में गिरावट: सप्लाई में वृद्धि और कमजोर मांग के कारण भारी दबाव
सोयाबीन के भाव इस सीजन के सबसे निचले स्तर पर पहुंच गए हैं, जो पर्याप्त सप्लाई और कमजोर मांग का परिणाम है। अंतर्राष्ट्रीय बाजार में बढ़ते उत्पादन अनुमान और घरेलू सोयामील की कमजोर खपत के कारण सोयाबीन के भाव में गिरावट आई है। सोया तेल के आयात में वृद्धि और क्रशिंग कमजोर होने से घरेलू बाजार पर दबाव बढ़ रहा है। सरकार द्वारा कोई समर्थन नहीं मिलने के कारण किसानों और व्यापारियों में नाराजगी है। बिना सरकारी सहायता के सोयाबीन में कोई तेजी मुश्किल है, और गिरावट की संभावना बढ़ रही है।
सोयाबीन के भाव इस सीजन के सबसे निचले स्तर पर पहुंच गए हैं, जिसका कारण पर्याप्त सप्लाई और कमजोर मांग है। महाराष्ट्र के कीर्ति प्लांट का समर्थन ₹4500 से नीचे गिर चुका है, जो इसके सीजन के सपोर्ट से कम है। अंतर्राष्ट्रीय बाजार में सोयाबीन के उत्पादन में बढ़ोतरी के अनुमान से वैश्विक सप्लाई में वृद्धि हो रही है, और ब्राजील और अर्जेंटीना में रिकॉर्ड सोयाबीन उत्पादन की उम्मीद जताई जा रही है।
सोयामील की घरेलू खपत और निर्यात मांग भी कमजोर पाई गई है, जिससे सोयामील के भाव में लगातार गिरावट आ रही है। इसके साथ ही सोया तेल के आयात में वृद्धि हो रही है, जिसके कारण घरेलू बाजार में सोयाबीन की क्रशिंग भी कमजोर हो रही है। अक्टूबर महीने में 9.5 लाख टन सोयाबीन क्रशिंग की गई, जो पिछले वर्ष की समान अवधि की तुलना में 17% कमजोर है।
सरकार द्वारा सोयाबीन के लिए कोई समर्थन ना मिलने से किसानों और व्यापारियों में भारी नाराजगी है। बिना सरकारी सहायता के सोयाबीन के भाव में तेजी लाना मुश्किल है, और अगर सरकार ने जल्द कदम नहीं उठाए तो व्यापारियों के लिए स्थिति और भी बिगड़ सकती है। सपोर्ट से नीचे गिरने के बाद अब सोयाबीन में और गिरावट की संभावना बढ़ रही है।