तूर बाजार में हल्की गिरावट दर्ज की गई है, जिसमें दिल्ली, अकोला, इंदौर, रायपुर और कर्नाटक की प्रमुख मंडियों में कीमतें 50 से 100 रुपये तक घटी हैं। महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, तेलंगाना और गुजरात की मंडियों में तूर के भाव 6000 से 8000 रुपये प्रति क्विंटल के बीच बने हुए हैं, जबकि मुंबई और चेन्नई में आयातित तूर की कीमतें स्थिर हैं। वर्तमान में आवक बढ़ने से बाजार दबाव में है, लेकिन सरकारी खरीद और निर्यात मांग बढ़ने पर कीमतों में सुधार संभव है। व्यापारी और निवेशक सावधानी बरतें, क्योंकि आने वाले हफ्तों में तूर बाजार में उतार-चढ़ाव देखने को मिल सकता है।
देशभर में तूर (अरहर) बाजार में हल्की गिरावट दर्ज की गई है, खासकर महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, कर्नाटक, तेलंगाना और गुजरात की प्रमुख मंडियों में। दिल्ली में महाराष्ट्र लाइन की तूर 100 रुपये गिरकर 7650-7700 रुपये प्रति क्विंटल पर पहुंच गई। वहीं, अकोला में देसी तूर 7600-7625 रुपये, इंदौर में महाराष्ट्र लाइन 7400-7500 रुपये और कर्नाटक लाइन 7500-7600 रुपये प्रति क्विंटल रही, जो 100 रुपये नीचे रही।
राज्यों के प्रमुख बाजारों की स्थिति
- महाराष्ट्र: सोलापुर, लातूर, अमरावती और अकोला में तूर के दाम 7000-7700 रुपये के दायरे में हैं, जबकि वाशिम और खामगांव में कीमतें 6800-7400 रुपये के स्तर पर रहीं।
- कर्नाटक: गुलबर्गा, रायचूर, यादगीर और बीदर में रेड तूर 6000-8025 रुपये के बीच कारोबार कर रही है, जबकि व्हाइट तूर 6669-7424 रुपये पर स्थिर रही।
- तेलंगाना: नारायणपेट में रेड तूर 6222-7750 रुपये और व्हाइट तूर 6212-8000 रुपये रही।
- गुजरात: राजकोट, जूनागढ़ और वेरावल में तूर के भाव 6000-7750 रुपये के बीच बने हुए हैं।
- मध्य प्रदेश: पिपरिया में तूर की कीमतें 7000-7500 रुपये प्रति क्विंटल दर्ज की गईं।
आयातित तूर की कीमतें
मुंबई और चेन्नई के बंदरगाहों पर आयातित तूर की कीमतें स्थिर रही हैं। तंजानिया, ऑस्ट्रेलिया और सूडान से आई तूर 5800-7000 रुपये प्रति क्विंटल के बीच कारोबार कर रही है।
भविष्य की संभावनाएं
वर्तमान में मंडियों में आवक बढ़ रही है, जिससे बाजार पर दबाव बना हुआ है। लेकिन सरकारी खरीद शुरू होते ही कीमतों में सुधार देखने को मिल सकता है। इसके अलावा, अगर आयात पर कोई नया प्रतिबंध लगता है या निर्यात की मांग बढ़ती है, तो तूर के दाम ऊपर जा सकते हैं। हालांकि, अगर उत्पादन अनुमान से अधिक रहा और खरीदारों की सक्रियता नहीं बढ़ी, तो बाजार में नरमी बनी रह सकती है।
व्यापारियों और निवेशकों को सतर्क रहने की जरूरत है, क्योंकि तूर बाजार में अगले कुछ हफ्तों में महत्वपूर्ण उतार-चढ़ाव देखने को मिल सकता है।