केंद्र सरकार ने 13.22 लाख मीट्रिक टन तूर की खरीद को मंजूरी दी है, जिसके तहत अब तक नाफेड द्वारा कुल 90,420.77 मीट्रिक टन तूर की खरीदारी हो चुकी है। सरकार किसानों से 100% उपज की खरीद का ........पूरी खबर पढ़ने के लिए Amotrade डाउनलोड करें
केंद्र सरकार ने 13.22 लाख मीट्रिक टन तूर की खरीद को मंजूरी दी है, जिसके तहत अब तक नाफेड द्वारा कुल 90,420.77 मीट्रिक टन तूर की खरीदारी हो चुकी है। सरकार किसानों से 100% उपज की खरीद का आश्वासन दे रही है, जिससे बाजार में स्थिरता आने की उम्मीद है। राज्यवार खरीदी के आंकड़ों पर नजर डालें तो आंध्र प्रदेश में 21,098.15 मीट्रिक टन, तेलंगाना में 5,782.00 मीट्रिक टन, कर्नाटक में 32,989.68 मीट्रिक टन, महाराष्ट्र में 2,872.08 मीट्रिक टन और गुजरात में 27,678.85 मीट्रिक टन तूर की खरीद हो चुकी है।
हालांकि, मार्च एंडिंग और मनी क्राइसिस के कारण तूर की लिवाली कमजोर बनी हुई है। मिलर्स भी खरीदारी से दूर हैं और दाल की मांग में फिलहाल कोई बड़ा उछाल देखने को नहीं मिल रहा है। इस वजह से मार्च के अंत तक बाजार में 100-200 रुपये प्रति क्विंटल तक की मामूली गिरावट देखने को मिल सकती है, जबकि अप्रैल के पहले सप्ताह से ग्राहकी में सुधार की उम्मीद है।
होली की छुट्टियों के कारण बाजार में लिवाली और बिकवाली दोनों धीमी हो गई हैं, जिससे तूर की कीमतों में दबाव बना हुआ है। किसान भी गिरते भावों के कारण बेचने से बच रहे हैं, जिससे आवक पर असर पड़ा है और प्रमुख मंडियों में आपूर्ति सीमित बनी हुई है। कृषि मंत्रालय के दूसरे अग्रिम अनुमान के अनुसार, फसल वर्ष 2024-25 के लिए तूर का उत्पादन 35.11 लाख टन होने का अनुमान है, जो पिछले साल के 34.17 लाख टन से थोड़ा अधिक है।
बाजार के मौजूदा हालात को देखते हुए अनुमान है कि इस महीने तूर में नरमी बनी रह सकती है। हालांकि, मांग निकलते ही किसान अपना स्टॉक निकाल सकते हैं, जिससे कीमतों में ज्यादा उछाल की संभावना फिलहाल कम दिख रही है। लिवाली के इच्छुक व्यापारियों को थोड़ा समय रुककर बाजार की स्थिति को समझने की सलाह दी जाती है।