ऑस्ट्रेलिया में चना और मसूर की फसल पर असर, ताजा ऑफर नहीं
ऑस्ट्रेलिया में बारिश और खराब मौसम के कारण चना और मसूर की फसल प्रभावित हुई है। फसल कटाई में देरी और विक्टोरिया प्रांत में नुकसान की खबरों से बाजार में बिकवाली घट गई है। ताजा ऑफर नहीं मिल रहे, जिससे दाम मजबूत बने हुए हैं। देसी चने की बिजाई इस साल कम हुई है, और आयात सौदों के दबाव के कारण घरेलू बाजार में घबराहट है। स्टॉकिस्टों ने बिकवाली बढ़ाई, लेकिन अब आपूर्ति घटने लगी है। दिसंबर अंत या जनवरी में ऑस्ट्रेलिया से आयातित चने के शिपमेंट की उम्मीद है।
ऑस्ट्रेलिया में चना और मसूर के बाजार में हालात कमजोर बने हुए हैं। हालिया बारिश और खराब मौसम के कारण फसल की कटाई प्रभावित हुई है, जिससे बाजार में बिकवाली घट गई है और ताजा ऑफर उपलब्ध नहीं हो रहे।
बारिश से कटाई में बाधा
- विक्टोरिया प्रांत, जो चना उत्पादन का 47% योगदान देता है, वहां कटाई के समय भारी बारिश के कारण फसल को नुकसान हुआ है।
- अगले 2-4 दिनों तक खराब मौसम जारी रहने की संभावना है।
- इन कारणों से चना और मसूर की कीमतें फिलहाल मजबूत बनी हुई हैं।
देसी चने की स्थिति
बिजाई में कमी:
देश में चने की बिजाई इस साल लगभग 5.25 लाख हेक्टेयर में हुई है, जो पिछले साल के 6.1 लाख हेक्टेयर से कम है। मध्य प्रदेश, राजस्थान, महाराष्ट्र, कर्नाटक और गुजरात में बिजाई लगभग पूरी हो चुकी है।आयात सौदों का दबाव:
ऑस्ट्रेलिया से आने वाले आयात सौदों का भाव मुंबई में ₹6100 प्रति क्विंटल दर्ज किया गया।
इस दबाव के कारण देसी चने के भाव में ₹300 प्रति क्विंटल तक गिरावट आई है।स्टॉकिस्टों की घबराहट:
आयात सौदों की खबरों के बीच स्टॉकिस्टों ने अपने माल की बिकवाली तेज कर दी, जिससे बाजार में कुछ समय के लिए आपूर्ति बढ़ गई। हालांकि, पिछले सप्ताह के दौरान कई छोटे स्टॉकिस्टों का माल खत्म हो चुका है, जिससे अब आपूर्ति घटने लगी है।आने वाले शिपमेंट:
ऑस्ट्रेलिया से नवंबर शिपमेंट के सौदे मुंबई और मुंद्रा बंदरगाह के लिए हुए हैं। यह माल दिसंबर के अंत या जनवरी में आने की उम्मीद है।
निष्कर्ष
ऑस्ट्रेलिया में खराब मौसम और देसी चने पर आयात दबाव के कारण चने और मसूर दोनों बाजारों में अस्थिरता बनी हुई है। फिलहाल, व्यापारियों को सावधानीपूर्वक कारोबार करने की सलाह दी जा रही है।