भारत में खाद्यान्न और तिलहन उत्पादन में आई बढ़ोतरी, गन्ना और कपास उत्पादन में हुई गिरावट
2024-25 के कृषि वर्ष के लिए भारत में चावल उत्पादन 120 मिलियन मीट्रिक टन तक पहुंचने का अनुमान है, जो एक नया रिकॉर्ड होगा। यह वृद्धि उत्साहजनक मानसूनी बारिश और बेहतर कृषि पद्धतियों का परिणाम है। पिछले वर्ष के 113.3 मिलियन मीट्रिक टन के मुकाबले चावल उत्पादन में महत्वपूर्ण वृद्धि हुई है, जिससे भारत की खाद्य सुरक्षा को मजबूती मिलेगी।
2024-25 के कृषि वर्ष के लिए भारत में चावल उत्पादन 120 मिलियन मीट्रिक टन तक पहुंचने का अनुमान है, जो एक नया रिकॉर्ड होगा। यह वृद्धि उत्साहजनक मानसूनी बारिश और बेहतर कृषि पद्धतियों का परिणाम है। पिछले वर्ष के 113.3 मिलियन मीट्रिक टन के मुकाबले चावल उत्पादन में महत्वपूर्ण वृद्धि हुई है, जिससे भारत की खाद्य सुरक्षा को मजबूती मिलेगी।
इसके अलावा, तिलहन और मक्का का उत्पादन भी बढ़ने की संभावना है, तिलहन 25.7 मिलियन मीट्रिक टन और मक्का 24.5 मिलियन मीट्रिक टन तक पहुंचने का अनुमान है। इस वृद्धि से भारत को वनस्पति तेल आयात पर अपनी निर्भरता कम करने में मदद मिल सकती है।
हालांकि, गन्ने का उत्पादन 439.9 मिलियन मीट्रिक टन तक गिरने का अनुमान है, जबकि कपास उत्पादन में भी कमी देखी जा रही है। इससे सरकार को चीनी निर्यात पर प्रतिबंध जारी रखने की आवश्यकता हो सकती है।
कुल मिलाकर, भारत का कृषि उत्पादन इस वर्ष विविधतापूर्ण और मजबूत है, जो आर्थिक स्थिरता और खाद्य सुरक्षा के लिए सकारात्मक संकेत है।