गेहूं की कीमतों में रुक-रुक कर तेजी: क्या आगे और बढ़ेंगे दाम? जानिए पूरी स्थिति

मजबूत मांग और सीमित आपूर्ति के कारण गेहूं के दाम अगले 2-3 महीनों तक बढ़ सकते हैं। फिलहाल भाव ₹3070-3080 प्रति क्विंटल है, जो MSP से ऊपर है। सरकारी आपूर्ति न बढ़ने और नई फसल मार्च-अप्रैल में आने तक दाम ऊंचे बने रहने की उम्मीद है।

Opinion 13 Dec  
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मांग और सीमित आवक
फ्लोर मिलर्स और प्रोसेसर्स को अपनी जरूरत के अनुसार गेहूं खरीदने में मुश्किलें हो रही हैं। भले ही भंडारण सीमा लागू है, लेकिन मंडियों में गेहूं की आवक सीमित बनी हुई है।

स्टॉक की स्थिति
बड़ी कंपनियों और उत्पादकों के पास पर्याप्त स्टॉक है, लेकिन वे इसे बाजार में सीमित मात्रा में उतार रहे हैं। उधर, सरकार केंद्रीय स्टॉक से गेहूं जारी करने के लिए तैयार नहीं है, जिससे बाजार में उपलब्धता में सुधार नहीं हो रहा है।

कीमतों में उतार-चढ़ाव
विशेषज्ञों के अनुसार, अगले 2-3 महीनों में गेहूं की कीमतों में धीरे-धीरे वृद्धि हो सकती है। फिलहाल, दिल्ली में यूपी और राजस्थान के गेहूं का भाव ₹3070-3080 प्रति क्विंटल है, जबकि हाल ही में यह ₹3170-3180 तक पहुंच चुका था।

न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP)
2023-24 के लिए गेहूं का MSP ₹2275 प्रति क्विंटल था, जबकि बाजार में भाव इससे ऊपर बना हुआ है। 2024-25 के लिए इसे बढ़ाकर ₹2425 प्रति क्विंटल कर दिया गया है, जिससे किसानों को अधिक बुवाई के लिए प्रोत्साहन मिलेगा।

बुवाई की स्थिति
प्रमुख उत्पादक राज्यों जैसे पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, राजस्थान और गुजरात में गेहूं की बुवाई तेजी से जारी है। हालांकि, पंजाब में बुवाई का आदर्श समय खत्म हो चुका है, लेकिन किसान अब भी बुवाई कर रहे हैं।

आने वाले महीनों में कीमतें
अगर सरकार केंद्रीय स्टॉक से गेहूं की आपूर्ति नहीं बढ़ाती, तो कीमतों में नरमी की संभावना कम है। नई फसल मार्च-अप्रैल में आने की उम्मीद है, तब तक मिलर्स को ऊंचे दामों पर खरीदारी करनी पड़ सकती है।

गेहूं के रकबे में वृद्धि
इस बार गेहूं के रकबे में वृद्धि की संभावना है, जो आगे चलकर कीमतों को प्रभावित कर सकती है।

निष्कर्ष
मजबूत मांग और सीमित आपूर्ति के कारण गेहूं की कीमतों में रुक-रुक कर तेजी आ सकती है। जब तक सरकार आपूर्ति बढ़ाने के लिए कदम नहीं उठाती, दाम में कमी की संभावना बेहद कम है। वहीं, रबी सीजन में बढ़ी हुई बुवाई और नई फसल का आगमन भविष्य में कीमतों को संतुलित कर सकता है।