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काबुली चना बाजार: मंदी के बादल छंटेंगे, ग्राहकी से आएगी तेजी!
महाराष्ट्र, कर्नाटक और मध्य प्रदेश में इस साल काबुली चने की बिजाई सामान्य रही है। हालांकि, नई फसल के बाजार में आने में अभी समय है, और मौजूदा स्टॉक की अधिकता के कारण बिकवाली का दबाव बना हुआ है। बीते कुछ महीनों में काबुली चने के भाव में 20-21 रुपये प्रति किलो की गिरावट दर्ज की गई है।
Opinion
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23 Nov 2024
महाराष्ट्र, कर्नाटक और मध्य प्रदेश में इस साल काबुली चने की बिजाई सामान्य रही है। हालांकि, नई फसल के बाजार में आने में अभी समय है, और मौजूदा स्टॉक की अधिकता के कारण बिकवाली का दबाव बना हुआ है। बीते कुछ महीनों में काबुली चने के भाव में 20-21 रुपये प्रति किलो की गिरावट दर्ज की गई है।
क्या कहता है बाजार?
उत्पादन में गिरावट: इस साल काबुली चने का उत्पादन 30-31 लाख मीट्रिक टन से घटकर लगभग 25 लाख मीट्रिक टन रह सकता है। मौसम की प्रतिकूलता इसका बड़ा कारण है।
अंतरराष्ट्रीय स्थिति: सीरिया, जॉर्डन, तुर्की, बुल्गारिया और ब्राजील जैसे देशों में भी उत्पादन कमजोर है। एशिया और यूरोपीय देशों के तनाव ने भी निर्यात पर असर डाला है।
मंदी से घबराने की जरूरत नहीं! वर्तमान स्थिति में घबराहट की कोई आवश्यकता नहीं है। मौजूदा भाव के मुकाबले किसी भी देश से आयात सस्ता नहीं पड़ रहा है। साथ ही, पिछले दिनों आई तेजी में फंसे स्टॉक्स एक सप्ताह में निकल सकते हैं।
क्या है भविष्य का अनुमान?
दिसंबर के दूसरे हफ्ते से अगर ग्राहकी में सुधार होता है, तो महाराष्ट्र का काबुली चना 100 रुपये प्रति किलो के पार जा सकता है।
नई फसल के आने से पहले काबुली चने में 5-7 रुपये प्रति किलो की तेजी देखने को मिल सकती है।
बाजार विशेषज्ञों का मानना है कि बिकवाली का प्रेशर जल्द कम होगा और तेजी की स्थिति बन सकती है।