चना (Chana) – आयात का दबाव, कुछ जगह भाव गिरे
इंदौर (मध्यप्रदेश) में चना ₹50 गिरकर ₹5,625–₹5,650 प्रति 100 किलो पर पहुंच गया। कारोबारियों के अनुसार सस्ते ऑस्ट्रेलियाई चने की नई खेप आने से घरेलू चने पर दबाव बढ़ रहा है। मिलें “हैंड-टू-माउथ” खरीद कर रही हैं और इसलिए सस्ते आयातित चने की ओर झुकाव अधिक है।
कृषि मंत्रालय के अनुसार, 11 नवंबर तक देश में चना बोवाई 10% बढ़कर 37.4 लाख हेक्टेयर पर पहुंच गई। राजस्थान में बोवाई 31% ज्यादा है, जिससे आगे सप्लाई बढ़ने की संभावना है।
दिल्ली में चना के भाव ₹5,675–₹5,600 प्रति 100 किलो पर स्थिर रहे।
तूर (Tur) – मांग और सप्लाई दोनों कम, भाव स्थिर
अकोला (महाराष्ट्र) में तूर ₹7,050–₹7,075 प्रति 100 किलो पर स्थिर रही। कम मांग और सीमित आपूर्ति एक-दूसरे के बराबर होने से बाजार शांत है।
साथ ही अफ्रीकी देशों से सस्ती तूर की आयात आवक कीमतों को बढ़ने नहीं दे रही, जबकि कुछ राज्यों में फसल नुकसान की खबरें गिरावट को रोक रही हैं।
सरकारी अनुमान के अनुसार, 2025–26 में तूर का उत्पादन 7–10% घटकर 32–33 लाख टन रह सकता है, जबकि पिछले वर्ष यह 35.6 लाख टन था।
कटनी (मध्यप्रदेश) में भी तूर ₹7,200–₹7,300 प्रति 100 किलो पर स्थिर रही।
उड़द (Urad) – कमजोर खपत, भाव स्थिर
चंदौसी (उ.प्र.) में उड़द ₹6,450 प्रति 100 किलो, जबकि जयपुर (राजस्थान) में ₹6,400–₹7,200 प्रति 100 किलो पर स्थिर रही।
उड़द के भाव पिछले साल से नीचे हैं, लेकिन घरेलू और आयातित दोनों ही बाज़ारों में खरीदारी कमजोर बनी हुई है, जिससे खपत सुस्त नजर आ रही है।
मध्यम अवधि में उड़द की कीमतें इन पर निर्भर रहेंगी:
ब्राज़ील का अधिकांश स्टॉक पहले ही निर्यात हो चुका है और मौजूदा बचत सीमित है।