पिछले सप्ताह मटर के भाव 25 रुपये बढ़कर 3725 से 3750 रुपये प्रति क्विंटल पर बंद हुए, जिसे देशी मटर की कमजोर आपूर्ति और चने में सुधार से समर्थन मिला। सरकार मटर के आयात की समयसीमा 31 दिसंबर से 2 महीने बढ़ाने पर विचार कर रही है। वहीं, मूंग के भाव 6400/7400 रुपये प्रति क्विंटल पर स्थिर रहे, जहां कमजोर बिकवाली और निचले स्तरों पर खरीदी में सुधार ने बाजार को सहारा दिया। अब तक सरकार ने 1.11 लाख टन मूंग की MSP पर खरीदारी की है। आने वाले समय में मटर और मूंग दोनों में हल्की मजबूती की संभावना जताई जा रही है।
पिछले सप्ताह मटर और मूंग दोनों के बाजार में मिला-जुला रुख देखने को मिला। मटर के भाव में हल्की मजबूती दर्ज की गई, जबकि मूंग में सीमित मांग के बावजूद स्थिरता बनी रही।
मटर बाजार का प्रदर्शन:
कानपुर मटर यूपी की कीमतें सोमवार को 3725 रुपये प्रति क्विंटल पर खुलीं और शनिवार को 3750 रुपये प्रति क्विंटल पर बंद हुईं। मटर के भाव में 25 रुपये प्रति क्विंटल का सुधार दर्ज हुआ, जो बाजार में बढ़ती मांग का संकेत है। देशी मटर की कमजोर आपूर्ति और इम्पोर्टेड मसूर की स्थिरता ने मटर को सपोर्ट दिया। इसके साथ ही चने में सुधार के चलते भी मटर के बाजार को मजबूती मिली।
मटर आयात पर 31 दिसंबर को समाप्त हो रही शुल्क मुक्त आयात समयसीमा को लेकर चर्चा तेज है। खबरों के मुताबिक, सरकार इस समयसीमा को 2 महीने तक बढ़ाने पर विचार कर रही है और जल्द ही नोटिफिकेशन जारी कर सकती है। हालांकि, आयात में नुकसान और पोर्ट पर पर्याप्त स्टॉक के कारण अगले 2-3 महीनों तक मटर आयात कमजोर रहने की संभावना है।
मूंग बाजार का प्रदर्शन:
दिल्ली की बेस्ट मूंग राज लाइन की कीमतें सोमवार को 6400/7400 रुपये प्रति क्विंटल पर खुलीं और सप्ताह के अंत में भी यही भाव बने रहे। मांग सीमित रहने के बावजूद कमजोर बिकवाली और निचले स्तरों पर ग्राहकी में सुधार के चलते मूंग की कीमतें स्थिर रहीं।
सरकार ने अब तक MSP (न्यूनतम समर्थन मूल्य) पर 1.11 लाख टन खरीफ मूंग की खरीदारी की है। हालांकि, मंडियों में मूंग अभी भी MSP से नीचे बिक रही है। राजस्थान, महाराष्ट्र और कर्नाटक में मूंग की आवक कमजोर हो गई है।
आगे का अनुमान:
विशेषज्ञों का मानना है कि मटर के 50-100 रुपये की गिरावट पर खरीदारी बेहतर रहेगी। बढ़ती मांग के चलते मटर में 100-200 रुपये तक के सुधार की संभावना है। वहीं, मूंग में भी वर्तमान स्तर पर निवेश फायदेमंद रहेगा क्योंकि आने वाले समय में कीमतों में मजबूती की उम्मीद है।
निष्कर्ष:
मटर और मूंग दोनों ही बाजारों में हल्की मजबूती के संकेत दिख रहे हैं। मटर को आयात संबंधी फैसलों और चने की मजबूती का सहारा मिल रहा है, जबकि मूंग में सरकारी हस्तक्षेप और कमजोर आवक के चलते भाव स्थिर बने हुए हैं। व्यापारी और किसान दोनों के लिए यह समय सावधानी से कारोबार करने का है।