Mustard Mandi Prices: तेल मिलों की कमजोर मांग से सरसों की कीमतें 3 दिन से स्थिर, देखें तेजी-मंदी की रिपोर्ट

तेल मिलों की कमजोर मांग से घरेलू बाजार में कल गुरुवार को लगातार तीसरे दिन सरसों की कीमतें स्थिर बनी रही। जयपुर में कंडीशन की सरसों के भाव 5650 रुपये प्रति क्विंटल के पूर्व स्तर पर टिके रहे। इस दौरान सरसों की दैनिक आवक 4.5 लाख बोरियों पर स्थिर बनी रही।


Business 14 Jul 2023  E-Mandi
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तेल मिलों की कमजोर मांग से घरेलू बाजार में कल गुरुवार को लगातार तीसरे दिन सरसों की कीमतें स्थिर बनी रही। जयपुर में कंडीशन की सरसों के भाव 5650 रुपये प्रति क्विंटल के पूर्व स्तर पर टिके रहे। इस दौरान सरसों की दैनिक आवक 4.5 लाख बोरियों पर स्थिर बनी रही।

जयपुर में सरसों तेल कच्ची घानी एवं एक्सपेलर की कीमतें गुरुवार को लगातार दूसरे दिन 10-10 रुपये कमजोर होकर दाम क्रमशः 1,0760 रुपये और 1,0660 रुपये प्रति क्विंटल रह गए। इस दौरान सरसों खल के दाम 20 रुपये तेज होकर भाव 2570 रुपये प्रति क्विंटल के स्तर पर पहुंच गए।


व्यापारियों के अनुसार मलेशिया में पाम तेल की कीमतों में गिरावट आई, लेकिन शिकागो में सोया तेल के दाम तेज हुए। घरेलू बाजार में मिलों की सीमित मांग बनी रहने से जहां सरसों के दाम स्थिर बने रहे, वहीं सरसों तेल के भाव दूसरे दिन नरम हुए। ब्रांडेड तेल मिलों ने सरसों की खरीद कीमतों में 25 से 50 रुपये प्रति क्विंटल की कटौती की।


जानकारों के अनुसार उत्पादक राज्यों में मौसम तो खराब बना हुआ है, लेकिन पिछले 24 घंटों में एकाध जगह ही बारिश हुई है। उत्पादक राज्यों में सरसों का बकाया स्टॉक ज्यादा है इसलिए मंडियों में सरसों की दैनिक आवक अभी बनी रहेगी। हालांकि सरसों में स्टॉकिस्ट नीचे दाम पर बिकवाली नहीं करना चाहते, जबकि त्योहारी सीजन के कारण आगामी दिनों में सरसों तेल की मांग में सुधार आयेगा। हालांकि इसकी कीमतों में तेजी, मंदी काफी हद तक आयातित खाद्वय तेलों की कीमतों पर ही निर्भर करेंगी।


विदेशी बाज़ारों में खाद्य तेलों की स्थिति


दुनिया के दूसरे सबसे बड़े पाम तेल उत्पादक में उत्पादन बढ़ने के पूर्वानुमान के कारण मलेशियाई पाम तेल वायदा गुरुवार को गिरावट के साथ बंद हुआ। उधर अमेरिका में सोयाबीन के उत्पादन अनुमान में बढ़ोतरी से भी इसके भाव में गिरावट को बल मिला।


बर्सा मलेशिया डेरिवेटिव्स एक्सचेंज (BMD) पर सितंबर महीने के वायदा अनुबंध में पाम तेल की कीमतें 61 रिंगिट यानी 1.55 फीसदी कमजोर होकर 3,865 रिंगिट प्रति टन रह गई। इस दौरान डालियान का सबसे सक्रिय सोया तेल वायदा अनुबंध 1.4 फीसदी कमजोर हुआ, जबकि इसका पाम तेल वायदा अनुबंध 1.3 फीसदी घट गया। हालांकि शिकागो में सोया तेल की कीमतें इस दौरान 1.6 फीसदी तेज हुई।


जानकारों के अनुसार मलेशिया में पाम उत्पादों के उत्पादन में सुधार के संकेत दिख रहे हैं हालांकि डॉलर के मुकाबले रिंगिट मजबूत हो रहा है, इसलिए पाम तेल की कीमतों में अनिश्चय एवं अस्थिरता बनी हुई है।


सूत्रों के अनुसार सबसे बड़ा पाम उत्पादक इंडोनेशिया 16-31 जुलाई के दौरान अपने क्रूड पाम तेल (सीपीओ) का संदर्भ मूल्य को 791.02 डॉलर प्रति टन तक बढ़ाने की योजना बना रहा है, इससे इसके दाम मलेशियाई पाम तेल के मुकाबले कम हो जायेंगे।


अमेरिकी कृषि विभाग ने बुधवार को कहा था कि सूख के बाद मौसम में आये सुधार से सोयाबीन के उत्पादन अनुमान में बढ़ोतरी की संभावना है। इससे विश्व बाजार में सोया तेल की कीमतों पर दबाव बनेगा।