सोपा सर्वे के ताज़ा आंकड़ों के अनुसार, मध्य प्रदेश के अशोक नगर, गुना, शिवपुरी, बैतूल, हरदा, खंडवा और खरगोन ज़िलों में किसानों का रुझान तेजी से सोयाबीन से मक्का की ओर बढ़ रहा है। इस बदलाव के पीछे मुख्य कारण बेहतर दाम और बाज़ार में स्थायी मांग मानी जा रही है। दूसरी ओर, महाराष्ट्र और कर्नाटक में सोयाबीन का रकबा बढ़ा है, जिससे देश में कुल सोयाबीन रकबा लगभग 2% बढ़कर 119.69 लाख हेक्टेयर होने का अनुमान है।
अंतरराष्ट्रीय स्तर पर, चीन का सोयाबीन आयात दबाव में दिखाई दे रहा है। जुलाई माह में चीन ने 116.70 लाख टन सोयाबीन आयात किया, जो जून के 122.60 लाख टन से कम है। अगस्त में ब्राज़ील से सोयाबीन निर्यात का अनुमान 81.50 लाख टन है, जो पिछले वर्ष के 79.80 लाख टन से थोड़ा अधिक है, लेकिन कुल आयात के रुझान में गिरावट की ओर संकेत करता है।
मक्का के मामले में अमेरिका का निर्यात प्रदर्शन उल्लेखनीय है। 2025-26 सीज़न में अमेरिका ने मेक्सिको को 1.06 लाख टन और ग्वाटेमाला को 1.05 लाख टन मक्का बेचा है। अब तक नई फसल की बिक्री 31.60 लाख टन तक पहुंच गई है, जो 2021-22 के बाद दूसरा सबसे बड़ा आंकड़ा है। प्रमुख खरीदारों में मेक्सिको (4.08 लाख टन), दक्षिण कोरिया (4.02 लाख टन) और अननोन खरीदार (1.28 लाख टन) शामिल हैं।
गेहूं के मोर्चे पर भी अमेरिकी निर्यात मजबूत रहा है। 31 जुलाई को समाप्त सप्ताह में अमेरिका ने 7.37 लाख टन गेहूं का निर्यात किया, जिसमें HRW गेहूं की हिस्सेदारी सबसे अधिक रही। प्रमुख खरीदारों में नाइजीरिया (1.85 लाख टन), बांग्लादेश (1.65 लाख टन) और मैक्सिको (1.05 लाख टन) शामिल रहे। इसी बीच, यूरोपीय संघ ने अपनी गेहूं फसल का अनुमान बढ़ाकर 1,328 लाख टन कर दिया है, जो वैश्विक आपूर्ति में स्थिरता का संकेत देता है।
घरेलू स्तर पर मध्य प्रदेश में मक्का की ओर बढ़ता रुझान और अंतरराष्ट्रीय बाज़ार में अमेरिका से मक्का व गेहूं का मजबूत निर्यात इस दिशा में सकारात्मक संकेत हैं, जबकि चीन का घटता सोया आयात वैश्विक तिलहन व्यापार के लिए चिंता का विषय बना हुआ है। आने वाले समय में इन सभी कारकों का असर फसल पैटर्न, दाम और वैश्विक व्यापार पर साफ दिखाई देगा।