दलहन बाजार: उतार-चढ़ाव के बीच संभलकर व्यापार की जरूरत
मटर की खपत 30% बढ़ने से भाव 35-38.5 रुपए प्रति किलो तक पहुंच गए हैं। काबुली चना 88-90 रुपए और देसी चना 6800-6850 रुपए प्रति क्विंटल पर बिक रहा है, जिसमें हल्की तेजी की संभावना है। तुवर नई फसल के दबाव में 91 रुपए प्रति किलो है, लेकिन और गिरावट संभव है। उड़द और मूंग के भाव स्थिर हैं, जबकि मसूर में गिरावट की संभावना कम है। व्यापार में संयम बरतने और मांग को देखते हुए खरीदारी की सलाह दी जा रही है।
देश की दलहन मंडियों में मटर, चना, तुवर, मूंग, उड़द और मसूर की कीमतों में उतार-चढ़ाव जारी है। मटर के आयात सौदे 31.5-32 रुपए प्रति किलो पर हो रहे हैं, जबकि इसकी खपत 30% बढ़ गई है। पूर्वी भारत के पांच राज्यों में मटर की खपत 70% अधिक हो चुकी है, जिससे स्थानीय मंडियों में मटर 35-36 रुपए प्रति किलो और छनी हुई मटर 37.5-38.5 रुपए तक बिक रही है। बाजार विशेषज्ञों का मानना है कि मौजूदा भाव में गिरावट की गुंजाइश कम है, इसलिए घबराकर माल नहीं बेचना चाहिए।
दूसरी ओर, काबुली चने और देसी चने में गिरावट दर्ज की गई है। काबुली चना, जो डेढ़ माह पहले 112 रुपए प्रति किलो था, अब 88-90 रुपए तक पहुंच गया है। देसी चने का उत्पादन 80 लाख मीट्रिक टन हुआ है, जबकि खपत 123 लाख मीट्रिक टन है। ऑस्ट्रेलिया से सस्ते आयात सौदों के चलते बाजार में दबाव है। हालांकि, खपत को देखते हुए राजस्थानी चने में 200-300 रुपए की तेजी आने की संभावना है।
तुवर की नई फसल महाराष्ट्र और कर्नाटक में आ चुकी है, जिससे देसी माल लगभग 90% बिक चुका है। बर्मा में तुवर के शिपमेंट के भाव 50-60 डॉलर प्रति टन घटे हैं, जिससे मंडियों में दबाव है। तुवर के भाव वर्तमान में 91 रुपए प्रति किलो हैं, लेकिन इसमें 3-4 रुपए प्रति किलो की और गिरावट का अनुमान है।
उड़द की बात करें तो उत्पादन में कमी और मंडियों में सीमित स्टॉक के चलते इसके भाव 94.25 रुपए प्रति किलो पर स्थिर हैं। मसूर में भी पुराना स्टॉक खत्म हो चुका है, और कनाडा में भाव बढ़ने से मौजूदा स्तर पर गिरावट की संभावना नहीं है।
मूंग में न्यूनतम समर्थन मूल्य पर सरकारी खरीद के चलते बाजार मजबूत है। वर्तमान में मूंग 6700-7400 रुपए प्रति क्विंटल बिक रही है, और दाल की बिक्री बेहतर होने पर इसमें 200-300 रुपए तक की तेजी आ सकती है।
विशेषज्ञों का सुझाव
दलहन बाजार में फिलहाल संयमित व्यापार की जरूरत है। मटर और मूंग में मौजूदा स्तर पर खरीदारी फायदेमंद हो सकती है, जबकि चने और तुवर में गिरावट के दौरान माल बेचने की सलाह दी जा रही है। बाजार की स्थिति और खपत के आधार पर आगामी समय में कुछ दलहनों में तेजी की संभावना है।