हाल ही में दालों में बढ़ती मांग और दिल्ली के चना बाजार में आई तेजी के चलते लोकल मंडियों में मटर की लेवाली में सुधार देखा गया था। इम्पोर्टेड मटर में आई तेजी से भी लोकल मटर की कीमतों को समर्थन मिला। लेकिन पिछले एक सप्ताह से दालों में सीमित ग्राहकी और दिल्ली चने में आई मंदी ने मटर बाजार को प्रभावित किया है, जिससे कीमतें फिर से स्थिर हो गईं। अब इम्पोर्टेड मटर में भी बाजार शांत नजर आ रहा है, हालांकि सीमित लेवाली अभी जारी है।
सरकार द्वारा शुल्क मुक्त आयात बंद करने की खबरें भी बाजार में चर्चा का विषय हैं। इससे कीमतों में बड़ी गिरावट की संभावनाएं फिलहाल कम नजर आ रही हैं। खबरों के अनुसार, सरकार जल्द ही पीली मटर के शुल्क मुक्त आयात पर रोक लगा सकती है या इस पर 10-20% तक का आयात शुल्क लगा सकती है। हालांकि, अभी तक इस संबंध में कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है।
उद्योग सूत्रों के मुताबिक, भारत ने 2024 में रिकॉर्ड 6.7 मिलियन टन दालों का आयात किया, जिसमें अकेले पीली मटर का हिस्सा करीब 2.9 मिलियन टन रहा। वहीं, कनाडा से दिसंबर में 171,007 टन मटर का निर्यात किया गया, जो पिछले महीने की तुलना में 15% कम था। पिछले पांच महीनों में भारत कैनेडियन मटर का सबसे बड़ा खरीदार रहा, जिसकी हिस्सेदारी 694,391 टन रही।
मौजूदा मार्केट अपडेट:
- पिछले एक सप्ताह में कानपुर मटर ₹50 बढ़कर ₹4050 प्रति क्विंटल पर पहुंच गया।
- हाजिर (कनाडा) मटर ₹3080 प्रति क्विंटल और मुंद्रा (रूस) मटर ₹3600 प्रति क्विंटल पर स्थिर बना हुआ है।
आगे का अनुमान:
व्यापारियों का मानना है कि आने वाले दिनों में लेवाली में सुधार हो सकता है, जिससे मटर की कीमतों को समर्थन मिलेगा। बाजार पर नजर बनाए रखें, क्योंकि सरकार के आयात नीति में बदलाव से बाजार की दिशा बदल सकती है।