मसूर और सोयाबीन में स्थिरता, उड़द में गिरावट: बाजार विश्लेषण
पिछले सप्ताह कटनी मसूर और सोयाबीन बाजार में स्थिरता देखी गई, जहां मसूर की कीमत 6600 रुपये प्रति क्विंटल पर बनी रही और सोयाबीन में 25-50 रुपये की बढ़ोतरी हुई। मसूर को घरेलू स्टॉक की कमी और कमजोर बोआई से सपोर्ट मिला, जबकि सोयाबीन में सरकारी खरीद बढ़ी, बावजूद इसके सोयामील की कमजोर मांग के कारण तेजी सीमित रही। वहीं, उड़द बाजार में बर्मा से निरंतर बिकवाली और आयात के दबाव से 75 रुपये प्रति क्विंटल की गिरावट आई। इन तीनों उत्पादों में शॉर्ट टर्म में बड़ी तेजी या मंदी की संभावना कम है, और व्यापारियों को संकेतों के आधार पर कारोबार करने की सलाह दी जा रही है।
पिछले सप्ताह कटनी मसूर और सोयाबीन दोनों बाजारों में कीमतों में स्थिरता रही, जबकि उड़द में गिरावट देखी गई। कटनी मसूर (6600 रुपये प्रति क्विंटल) और सोयाबीन की कीमतें 25-50 रुपये प्रति क्विंटल बढ़ी, हालांकि उड़द की कीमत 75 रुपये प्रति क्विंटल घटकर 8200 रुपये पर बंद हुई।
मसूर बाजार में ग्राहकी अच्छी रही और घरेलू स्टॉक की कमी के कारण दामों को सपोर्ट मिला, जबकि सोयाबीन में एमएसपी पर सरकारी खरीद बढ़ी, हालांकि सोयामील की मांग कमजोर रही। दोनों बाजारों में घरेलू आपूर्ति संतुलित रही और कृषि मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार, मसूर की बिजाई भी कमजोर हुई, जो कीमतों को प्रभावित कर सकती है।
उड़द बाजार में बर्मा से निरंतर बिकवाली और ब्राजील तथा थाईलैंड से बढ़ते आयात ने भारतीय बाजार को दबाव में डाला। इसके कारण, उड़द की कीमत में लगातार गिरावट आई और भारतीय उड़द की मांग पर असर पड़ा। हालांकि, कटनी मसूर और सोयाबीन में कीमतें स्थिर रही, क्योंकि घरेलू स्टॉक और सरकार के बफर स्टॉक ने कीमतों को नियंत्रित किया।
इस सप्ताह, जहां मसूर और सोयाबीन में संतुलन बना रहा, वहीं उड़द में गिरावट की वजह से बाजार दबाव में था। फिलहाल, इन तीनों उत्पादों में कोई बड़ी तेजी या मंदी की संभावना नहीं है, और व्यापारियों को संकेतों के आधार पर सीमित कारोबार करने की सलाह दी जा रही है।