मटर बाजार इस हफ्ते मजबूती के साथ बंद हुआ। कानपुर में यूपी न्यू मटर सोमवार को ₹3,500 पर खुलकर शनिवार को ₹3,700-3,725 तक पहुंच गया। पूरे सप्ताह में ₹225/क्विंटल की तेजी देखने को मिली, जिसका मुख्य कारण कमजोर आवक और चने की बढ़ती कीमतों से मिला सपोर्ट रहा। इसके अलावा, होली और रंगपंचमी अवकाश के कारण बिकवाली भी धीमी रही, जिससे बाजार को स्थिरता मिली।
🌍 आयात नीति और अंतरराष्ट्रीय कारक:
👉 भारत में 31 मई 2025 तक मटर के आयात पर कोई शुल्क नहीं है, लेकिन बड़े आयातकों को बीते 6 महीनों में नुकसान उठाना पड़ा, जिससे अतिरिक्त आयात की संभावना कम हो सकती है।
👉 चीन ने कनाडा से आने वाली मटर पर 100% आयात शुल्क लगा दिया है, जिससे भारत अब कनाडा के लिए मुख्य बाजार बन सकता है।
👉 यदि कनाडा सस्ते दामों पर निर्यात करता है, तो बाजार में दबाव बन सकता है।
🚜 घरेलू उत्पादन और बाजार स्थिति:
✅ इस बार सफेद मटर की बुआई में भारी गिरावट आई है, हालांकि बेहतर उत्पादन से कुछ राहत मिलने की संभावना है।
✅ बंदरगाहों पर 5-6 लाख टन मटर का स्टॉक उपलब्ध है, जिससे बाजार में अतिरिक्त आपूर्ति बनी रहेगी।
✅ घरेलू फसल की कटाई जारी है, लेकिन आयात खुला रहने से बाजार की दिशा अनिश्चित बनी हुई है।
✅ कानपुर मटर के ₹3,500 से नीचे जाने की संभावना फिलहाल कम लग रही है।
📉 बाजार का रुख:
🔹 आयात नीति और अंतरराष्ट्रीय आपूर्ति पर नजर बनाए रखना जरूरी है।
🔹 स्थानीय बाजार में मजबूती बनी रह सकती है, लेकिन अधिक तेजी के लिए सरकारी नीतियों और आयात के प्रभाव को समझना होगा।
🔹 समझदारी से व्यापार करें और सावधानी बरतें!