मूंग और मसूर में समर्थन, मटर और चना में दबाव

पिछले सप्ताह भारतीय कृषि बाजार में मूंग और मसूर में मजबूत मांग और बढ़ोतरी देखी गई, जबकि मटर और चना में मांग में कमी और स्थिरता रही। मूंग की कीमतों में तीन सप्ताह से लगातार वृद्धि हो रही है, वहीं मसूर में भी घरेलू स्टॉक की कमी ने दामों को सपोर्ट किया। मटर में आयात समयसीमा बढ़ने के बावजूद कोई बड़ा बदलाव नहीं हुआ, जबकि चना में सस्ते आयातों और कमजोर मांग के कारण गिरावट जारी रही। आगामी दिनों में मूंग और मसूर में और बढ़ोतरी की संभावना है, जबकि मटर और चना में सीमित बदलाव की उम्मीद है।

Opinion 06 Jan  
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पिछले सप्ताह भारतीय कृषि बाजार में विभिन्न वस्त्रों में मिलाजुला रुख देखने को मिला। मूंग, मसूर, मटर और चना में कुछ समानताएँ और अंतर थे, जो बाजार की दिशा को प्रभावित कर रहे हैं।

मूंग और मसूर में मांग बनी रही, जबकि मटर और चना में कमी देखी गई।
मूंग के दाम पिछले तीन सप्ताह से मजबूत हो रहे हैं। राजस्थान, मध्य प्रदेश और गुजरात में मांग बढ़ने से मूंग के भाव 100 रुपये प्रति क्विंटल बढ़े, जबकि मसूर में भी देशी स्टॉक की कमी और कमजोर आवक ने दाम को सपोर्ट किया। कटनी मसूर में 25 रुपये की हल्की बढ़त देखी गई। इन दोनों वस्त्रों में बाजार स्थिर बना रहा।

वहीं, मटर और चना में कमी रही। मटर में आयात समयसीमा बढ़ने के कारण कोई बड़ी गिरावट नहीं आई, लेकिन बाजार में कोई खास हलचल नहीं थी। चना में मांग में कमी और सस्ते आयातों से भाव में दबाव बना रहा। चना की कीमतों में पिछले तीन-चार सप्ताह से गिरावट का रुख है।

सरकारी स्टॉक और आयात नीति का प्रभाव

मूंग और मसूर दोनों में सरकार के पास बफर स्टॉक की कमी महसूस हो रही है, जो आने वाले समय में सप्लाई पर असर डाल सकता है। मसूर के मामले में हालांकि, सरकार के पास पर्याप्त स्टॉक है, लेकिन बिक्री सीमित मात्रा में हो रही है। इसके विपरीत, मटर और चना में आयात पर निर्भरता बढ़ने से इन दोनों की कीमतों में स्थिरता बनी हुई है।

आगे की दिशा: मूंग और मसूर में संभावित वृद्धि, मटर और चना में स्थिरता

मूंग में अब भी 400-500 रुपये तक की और बढ़ोतरी की उम्मीद है, जबकि मसूर में स्थिरता का रुझान बना हुआ है। वहीं, मटर में 50-100 रुपये की गिरावट की संभावना कम है, और चना में फिलहाल 6650-7000 रुपये के दायरे में कारोबार की उम्मीद है।

निष्कर्ष:
भारतीय कृषि बाजार में मूंग और मसूर में तेजी का रुझान बना हुआ है, जबकि मटर और चना में स्थिरता और गिरावट का रुख देखा जा रहा है। व्यापारियों को बाजार की चाल के अनुसार निर्णय लेने की आवश्यकता होगी, विशेषकर जहां सरकारी स्टॉक और आयात नीति का सीधा प्रभाव पड़ सकता है।