चना बाजार लगातार तीसरे सप्ताह मजबूती के रुख पर कायम है। मिलर्स की ओर से चना दाल में बढ़ती मांग और सपोर्ट के चलते बाजार में स्थिर सुधार देखा जा रहा है। बीते सप्ताह चना की कीमतों में लगभग ₹400 का उछाल आया, जिससे सप्ताहांत तक दिल्ली चना ₹5940/क्विंटल, अकोला मोटरकट ₹6300/क्विंटल, ऑस्ट्रेलिया चना ₹6000/क्विंटल, रायपुर डिलीवरी ₹6350/क्विंटल और नागपुर कंडीशन ₹6200/क्विंटल तक पहुँच गया।
हालांकि ऊँचे भाव पर अकोला मोटरकट में कुछ बड़ी कंपनियों द्वारा मुनाफावसूली देखी गई, लेकिन इसका बाजार पर कोई विशेष असर नहीं पड़ा। ₹5600–₹5800/क्विंटल की दरों पर स्टॉकिस्टों ने भारी खरीदारी की, जिससे वेयरहाउस और कोल्ड स्टोरेज लगभग भर चुके हैं। अब जब भाव ₹6000/क्विंटल पार कर चुके हैं, स्टॉकिस्टों की खरीद में ठहराव आया है। बावजूद इसके, मिलर्स की सक्रियता अभी भी बनी हुई है क्योंकि चना दाल का भाव भी पिछले सप्ताह ₹400 बढ़कर ₹6950/क्विंटल (जयपुर बिल्टी) पर पहुँच गया।
राजस्थान और मध्य प्रदेश की मंडियों में नीचे भाव पर बिकवाली कमजोर है। वहीं ऑस्ट्रेलिया से ₹680/टन के नीचे चना ऑफर्स नहीं हैं और उस पर 10% आयात शुल्क अतिरिक्त लग रहा है, जिससे इम्पोर्टेड चना में पड़तल आ रही है। मुंबई पोर्ट पर तंजानिया और ऑस्ट्रेलिया चना का स्टॉक भी नहीं है, और ₹6000/क्विंटल के भाव पर ऑस्ट्रेलियन चना की उपलब्धता भी सीमित है। दक्षिण भारत से आयातित माल की मांग लगातार बनी हुई है।
अब तक ऑस्ट्रेलिया से लगभग 15–16 लाख टन चना भारत आ चुका है, जबकि वहाँ केवल 3–3.5 लाख टन ही शेष बताया जा रहा है। कर्नाटक की मंडियों में बेहतर भावों के चलते किसान सक्रिय रूप से बिक्री कर रहे हैं। गदग मंडी में रोजाना 15,000–18,000 क्विंटल की आवक हो रही है और फुटाना क्वालिटी चना ₹6079/क्विंटल तक पहुँच गया है। व्यापारियों का मानना है कि गदग मंडी के भाव जल्द ही ₹6500/क्विंटल के आसपास पहुँच सकते हैं।
बाजार विशेषज्ञों के अनुसार, मजबूत डिमांड, कमजोर स्टॉक, निचले भाव पर कम बिक्री और ऑस्ट्रेलिया से सीमित पड़तल को देखते हुए चना की कीमतों में आगामी दिनों में ₹500 तक की और तेजी देखी जा सकती है।