सोया तेल और सोयाबीन बाजार में तेज़ी और गिरावट का रुझान, बाजार में उतार-चढ़ाव

सोया तेल में सीबीओटी पर 6% की तेजी देखी गई, जिसका कारण अमेरिका और अर्जेंटीना में स्टॉक में गिरावट और बायोफ्यूल की मजबूत मांग है। वैश्विक स्टॉक में कमी के बावजूद, घरेलू बाजार में सोया तेल के भाव बढ़े हैं। वहीं, सोयाबीन बाजार में गिरावट जारी है, खासकर कमजोर क्रशिंग मांग और सरकारी खरीद में विलंब के कारण। सोयाबीन में आगे तेजी की उम्मीद वायदा कारोबार और सरकारी खरीद पर निर्भर करेगी।

Opinion 11 Nov  
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इस सप्ताह सोया तेल और सोयाबीन बाजार में महत्वपूर्ण बदलाव देखे गए हैं। सीबीओटी सोया तेल में 6% की तेजी आई है, जिससे सोया तेल की कीमतों में अंतरराष्ट्रीय बाजार में उछाल आया है। अमेरिका में सोया तेल के स्टॉक में गिरावट और बायोफ्यूल के लिए मजबूत मांग ने इसे समर्थन दिया है। नवंबर के अंत तक, वैश्विक सोया तेल स्टॉक में 4.4% की कमी का अनुमान है, जबकि अमेरिका और अर्जेंटीना में सोया तेल स्टॉक में क्रमशः 13% और 12% की गिरावट होने का अनुमान है। सीबीओटी सोया तेल 45 डॉलर के रेजिस्टेंस को तोड़कर 50 डॉलर के करीब पहुंच गया है, और 50 डॉलर के स्तर को पार करने पर अगला रेजिस्टेंस 55.60 डॉलर पर रहेगा।

घरेलू बाजार में भी इस वैश्विक तेजी का असर देखा जा रहा है, जहां इंदौर लाइन के प्लांटों ने सोया तेल के भाव 4-5 रुपये प्रति किलो बढ़ाए हैं। अर्जेंटीना में सोया तेल के भाव 50 डॉलर प्रति टन बढ़ने से पोर्ट पर सोया तेल की लैंडिंग कॉस्ट भी लगभग 4 रुपये किलो बढ़ी है। अमेरिका में सोयाबीन की कटाई पूरी हो चुकी है, जिससे सप्लाई का दबाव कम हो गया है। ऐसे में विदेशी बाजारों की मजबूती जारी रहने की उम्मीद है, और सोया तेल में 4-5 रुपये किलो की और बढ़ोतरी हो सकती है।

वहीं, सोयाबीन बाजार में हालात उलट हैं। प्लांटों की कमजोर क्रशिंग मांग और पर्याप्त सप्लाई के कारण सोयाबीन के भाव में गिरावट देखी गई है। बीते सप्ताह सोयाबीन के भाव 75-100 रुपये प्रति क्विंटल गिर गए हैं। महाराष्ट्र में सोयाबीन की सरकारी खरीद में विलंब और एमएसपी से निचे मंडी भाव के चलते किसान अपनी फसल बेचने से हिचक रहे हैं। इसके अलावा, सोयमील की निर्यात मांग भी कमजोर रही है, जिससे घरेलू बाजार में सोयमील पर दबाव है।

आगे, सोयाबीन की तेजी सरकार की खरीदारी और वायदा बाजार की शुरुआत पर निर्भर करेगी। दिसंबर में सोयाबीन वायदा पर लगे प्रतिबंध की अवधि खत्म हो रही है, और इसके बाद वायदा कारोबार शुरू होने की संभावना है, जिससे बाजार में तेजी की उम्मीद जताई जा रही है।

कुल मिलाकर, सोया तेल में तेजी जारी है, जबकि सोयाबीन में गिरावट बनी हुई है, जो कि सरकारी खरीद और वायदा बाजार की गतिविधियों पर निर्भर करेगा।