भारत और अंतरराष्ट्रीय बाजार में गेहूं की स्थिति: बढ़ती कीमतें और उत्पादन की चुनौतियां

सरकार ने अक्टूबर से गेहूं की बिक्री खुले बाजार में शुरू करने की घोषणा की थी, लेकिन इसे अज्ञात कारणों से रोक दिया गया। इसका असर दामों पर पड़ा, जो ₹3170-₹3180 प्रति क्विंटल तक पहुंच गए। उत्पादन में कमी: देश में इस साल गेहूं के रकबे में 15.5% की गिरावट आई है। 8 नवंबर तक यह घटकर 41.3 लाख हेक्टेयर रह गया।

Opinion 16 Nov 2024
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भारत में गेहूं की समस्या

  • सरकारी हस्तक्षेप में देरी:
    सरकार ने अक्टूबर से गेहूं की बिक्री खुले बाजार में शुरू करने की घोषणा की थी, लेकिन इसे अज्ञात कारणों से रोक दिया गया। इसका असर दामों पर पड़ा, जो ₹3170-₹3180 प्रति क्विंटल तक पहुंच गए।
  • उत्पादन में कमी:
    देश में इस साल गेहूं के रकबे में 15.5% की गिरावट आई है। 8 नवंबर तक यह घटकर 41.3 लाख हेक्टेयर रह गया।
  • कीमतों में उछाल:
    • दक्षिण भारत में गेहूं की कीमत ₹34,000 प्रति टन तक पहुंच गई।
    • दिल्ली में कीमत ₹3200 प्रति क्विंटल है।
  • प्रमुख कारण:
    • उत्पादन में कमी और बड़ी कंपनियों द्वारा स्टॉक जमा करना।
    • आयात नीति पर ठोस कदमों की कमी।
  • समाधान:
    विशेषज्ञों के अनुसार, सरकार को तुरंत खुले बाजार में बिक्री शुरू करनी चाहिए, जिससे दामों पर नियंत्रण पाया जा सके।

अंतरराष्ट्रीय बाजार का हाल

  1. अर्जेंटीना:
    • रोसारियो अनाज एक्सचेंज ने 2024/25 के लिए गेहूं उत्पादन का अनुमान 700,000 टन घटाकर 18.8 मिलियन टन किया।
    • बारिश में देरी और सूखा मुख्य कारण।
  2. ऑस्ट्रेलिया:
    • इस साल गेहूं का उत्पादन 29 मिलियन टन होने की संभावना है, जो पिछले अनुमान से 1 मिलियन टन अधिक है।
    • पूर्वी क्षेत्रों में भरपूर बारिश ने उत्पादन बढ़ाया।
  3. यूक्रेन:
    • 14 नवंबर तक 95.7% अनाज की कटाई पूरी।
    • गेहूं का उत्पादन 22.4 मिलियन टन पर पहुंचा।
  4. फ्रांस:
    • 11 नवंबर तक मक्का की 71% कटाई हुई।
    • अगले साल की नरम गेहूं फसल के लिए 78% क्षेत्र में बुवाई पूरी।

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