महाराष्ट्र कीर्ति प्लांट पर सोयाबीन की कीमतें 4650 रुपये प्रति क्विंटल के रेजिस्टेंस स्तर से जूझ रही हैं, लेकिन निचले स्तरों से 220 रुपये की तेज़ रिकवरी संकेत दे रही है कि आगे और मजबूती संभव है। अगर कीमतें 4650 के ऊपर स्थिर होती हैं, तो अगला लक्ष्य 5000 रुपये तक पहुंच सकता है।
पिछले सप्ताह बाजार में 75–100 रुपये की बढ़त देखने को मिली, हालांकि नाफेड की बिक्री के चलते तेजी पर कुछ हद तक रोक लगी रही। अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सोयामील के भाव में सुधार देखने को मिला, जबकि जून में भारत का सोयामील निर्यात 32% गिरकर सिर्फ 1.56 लाख टन रह गया।
बुवाई के मोर्चे पर भी स्थिति दिलचस्प बनी हुई है — कृषि विभाग के मुताबिक 15 जुलाई तक 109.56 लाख हेक्टेयर में बुवाई हो चुकी है, जबकि सोपा ने इससे 10 लाख हेक्टेयर ज्यादा यानी 119 लाख हेक्टेयर का अनुमान जारी किया है। लेकिन ज़मीनी रिपोर्ट इस अनुमान पर सवाल उठा रही है, क्योंकि कई इलाकों में दोबारा बुवाई करनी पड़ी है।
आगे की रणनीति:
कम बुवाई और ऊंचे एमएसपी को देखते हुए गिरावट की संभावना बेहद कम है। जब तक नाफेड की बिक्री जारी है, तब तक कीमतें 4500–4700 की साइडवेज़ रेंज में घूमती रहेंगी। लेकिन सितंबर के आखिरी हफ्ते या अक्टूबर में नई फसल से पहले 5000 तक की रफ्तार बन सकती है। ऐसे में व्यापारियों के लिए खरीद कर स्टॉक होल्ड करने की रणनीति फायदेमंद साबित हो सकती है।