मुख्य बिंदु:
★ बांग्लादेश सरकार ने सूरजमुखी, कैनोला, सोयाबीन और पाम तेल के आयात शुल्क को शून्य कर दिया है।
★ आयातित खाद्य तेलों पर वैट को 15% से घटाकर 5% कर दिया गया है।
★ इन फैसलों के कारण खाद्य तेल की कीमतों में 40-50 टका प्रति लीटर तक कमी आने की संभावना है।
★ बांग्लादेश की वार्षिक खाद्य तेल मांग लगभग 23 लाख टन है।
प्रभाव:
भारत में आयात शुल्क के लागू होने और बांग्लादेश में आयात शुल्क हटाने के कारण बांग्लादेश से रिफाइंड तेलों का भारत को निर्यात बढ़ने की संभावनाएं मजबूत हुई हैं।
अंतरराष्ट्रीय बाजारों का हाल:
चीन के डीसीई में कमजोरी के चलते केएलसी (मलेशिया का पाम तेल बाजार) गिरावट के साथ खुला।
अमेरिका में सोया तेल स्टॉक बढ़ने से सीबीओटी सोया तेल पर दबाव बना हुआ है।
मलेशिया में पाम तेल उत्पादन में 20% तक की कमी देखी जा रही है, जिससे केएलसी को समर्थन मिल रहा है।
इंडोनेशिया 1 जनवरी से B40 बायोडीजल सम्मिश्रण कार्यक्रम लागू करने की तैयारी में है। इससे पाम तेल की मांग बढ़ने की संभावना है।
इंडोनेशिया राष्ट्रीय पाम तेल उत्पादन कोटा बढ़ाने और जरूरत पड़ने पर डीएमओ (घरेलू बाजार दायित्व) नीति में संशोधन पर विचार करेगा।
भारतीय बाजार का परिदृश्य:
★ कांडला में पाम और सोया तेल की कीमतें समर्थन स्तर से 1.5-2 रुपये प्रति किलो ऊपर हैं।
★ कमजोर मांग और वैश्विक बाजारों में स्पष्टता की कमी के कारण आज खाद्य तेल की कीमतें 5-10 रुपये प्रति 10 किलो तक कम खुलने का अनुमान है।
विश्लेषण:
बांग्लादेश के कदम से भारत समेत दक्षिण एशिया के खाद्य तेल बाजार पर असर देखने को मिल सकता है। वैश्विक स्तर पर गिरावट के बावजूद उत्पादन में कमी और बढ़ी हुई मांग तेलों की कीमतों में उतार-चढ़ाव जारी रख सकती है।