इस वर्ष पंजाब में रबी सीजन के दौरान गेहूं की बंपर पैदावार देखने को मिल रही है। राज्य के खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति मंत्री ने जानकारी दी कि माल की क्वालिटी बेहतरीन है और मंडियों में अब तक 4.19 लाख टन गेहूं की आवक हो चुकी है। इनमें से 1 अप्रैल से अब तक 3.22 लाख टन गेहूं की खरीद सरकारी एजेंसियों द्वारा की जा चुकी है, जिससे किसान संतुष्ट नजर आ रहे हैं।
सरकार का इस वर्ष केंद्रीय पूल के लिए निर्धारित 124 लाख टन के लक्ष्य को लेकर भरोसा है कि यह लक्ष्य आसानी से प्राप्त किया जा सकेगा। अनुमान है कि आने वाले कुछ ही दिनों में केंद्रीय एजेंसियां मंडियों से 15 लाख टन गेहूं की डिलीवरी हासिल कर लेंगी। इस तेजी से हो रही खरीदारी के मद्देनज़र, राज्य सरकार ने केंद्रीय भंडारण क्षमता में 31 लाख टन की वृद्धि का फैसला किया है, जिससे भंडारण की कोई समस्या ना हो।
मंत्री ने बताया कि किसानों को 24 घंटे के भीतर भुगतान किया जा रहा है, और अब तक 151 करोड़ रुपये से अधिक की राशि सीधे किसानों के खातों में जमा की जा चुकी है। उन्होंने आश्वस्त किया कि खरीद प्रणाली की व्यक्तिगत रूप से निगरानी की जा रही है ताकि किसानों को किसी तरह की असुविधा ना हो।
सरकार ने मजदूरों की मजदूरी दर में भी संशोधन करते हुए इसे 43 पैसे बढ़ाकर 2.64 रुपये प्रति बोरी कर दिया है। इसके अतिरिक्त, मंत्री ने यह भी बताया कि सरकारी गोदामों में पिछले तीन वर्षों में पहली बार 57 प्रतिशत गेहूं का रिकॉर्ड स्टॉक दर्ज किया गया है। साथ ही केंद्रीय खाद्य भंडारण में चावल का भी अब तक का सबसे बड़ा स्टॉक तैयार हो चुका है, जिससे केंद्र सरकार की आपूर्ति से जुड़ी चिंताएं काफी हद तक कम हो गई हैं।
निष्कर्षतः, पंजाब में इस बार न केवल उत्पादन अच्छा रहा है, बल्कि सरकारी खरीद, भुगतान और भंडारण की व्यवस्थाएं भी समय पर और प्रभावी ढंग से क्रियान्वित की जा रही हैं। इससे किसानों का भरोसा मजबूत हुआ है और केंद्रीय पूल की आवश्यकताओं की पूर्ति भी सुनिश्चित हो रही है।