उड़द बाजार पर संकट: उत्पादन घटा, कीमतें स्थिर
सहारनपुर गंगोह लाइन में उड़द की अधिक बजाई और मंडियों में माल का दबाव बढ़ने के कारण बाजार में 400-450 रुपये प्रति क्विंटल की गिरावट दर्ज की गई। दूसरी ओर, मध्य प्रदेश और महाराष्ट्र से आने वाले माल लगभग समाप्त हो चुके हैं। इन राज्यों में नई आवक न होने से उत्तर भारत की मंडियों में माल की आपूर्ति बाधित हो रही है।
मुख्य बिंदु:
- सहारनपुर गंगोह लाइन में गिरावट: अधिक बजाई और मंडियों में माल के दबाव से बाजार 400-450 रुपये नीचे आया।
- एमपी और महाराष्ट्र के माल की स्थिति: वहां के माल लगभग समाप्त हो चुके हैं, जिससे उत्तर भारत की मंडियों में आवक प्रभावित हुई है।
- रंगून से शिपमेंट में सुस्ती: हाजिर शिपमेंट में कोई बड़ा व्यापार नहीं हो रहा है।
- घरेलू मंडियों में स्टॉक का अभाव: किसी भी प्रमुख मंडी में उड़द का पर्याप्त स्टॉक नहीं है।
फसल पर बारिश का प्रभाव:
सितंबर के अंतिम सप्ताह तक हुई भारी बारिश ने मध्य प्रदेश, राजस्थान और महाराष्ट्र की तैयार फसल को भारी नुकसान पहुंचाया।
- राजस्थान में स्थिति: कोटा, विजयनगर, निवाई, टोंक और जयपुर क्षेत्र में फसल दागी हो गई।
- महाराष्ट्र में स्थिति: सोलापुर, उदगीर और लातूर क्षेत्र में भी फसल को नुकसान हुआ।
अब मौसम साफ होने से दाल मिलें केवल बिक्री के आधार पर माल खरीद रही हैं, जिससे बाजार में ज्यादा तेजी नहीं देखी जा रही।
उत्पादन और भविष्य की संभावनाएं:
- रबी और खरीफ को मिलाकर घरेलू उत्पादन का अनुमान 44 लाख मीट्रिक टन था, लेकिन यह घटकर 42 लाख मीट्रिक टन रहने की संभावना है।
- उड़द के बेहतर उत्पादन का सही आकलन समय के साथ ही हो पाएगा।
बाजार का हाल:
वर्तमान भाव पर ज्यादा गिरावट की संभावना नहीं दिख रही, लेकिन माल की कमी के बावजूद बाजार स्थिर बना हुआ है।