मूंगफली के भावों में गिरावट: किसान और व्यापारी दोनों परेशान
गुजरात, राजस्थान, एमपी और यूपी में बंपर उत्पादन और एक्सपोर्ट डिमांड की कमी से मूंगफली के दाम गिर रहे हैं। स्टॉकिस्ट सक्रिय हैं, लेकिन पिछले साल के नुकसान से सतर्क हैं। बाजार विशेषज्ञों के मुताबिक, अब दाम में 2-3 रुपए की और गिरावट हो सकती है। भाव स्थिरता एक्सपोर्ट डिमांड और तेल के बाजार पर निर्भर करेगी।
गुजरात, राजस्थान, मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश में मूंगफली की बंपर आवक और एक्सपोर्ट में कम डिमांड के चलते मूंगफली के दाम लगातार गिर रहे हैं। इस स्थिति से किसान और व्यापारी दोनों चिंतित हैं।
भावों में गिरावट के प्रमुख कारण:
बंपर उत्पादन: इस साल मूंगफली की पैदावार अधिक हुई है।
एक्सपोर्ट में कमी: अंतरराष्ट्रीय बाजार में डिमांड न होने से घरेलू भाव प्रभावित हुए हैं।
स्टॉकिस्टों की सक्रियता बढ़ी
भावों में गिरावट के चलते वर्तमान दामों पर स्टॉकिस्ट सक्रिय हो गए हैं। बाजार विशेषज्ञों के अनुसार, भावों में अब अधिकतम 2-3 रुपए की और गिरावट आ सकती है। इससे नीचे दाम जाने की संभावना कम है क्योंकि इन भावों पर मूंगफली सीधे तेल प्लांटों को भेजी जाएगी।
पिछले साल का अनुभव
पिछले साल स्टॉकिस्टों को नुकसान उठाना पड़ा था क्योंकि शुरुआती तेज भावों पर उन्होंने स्टॉक किया और बाद में भाव गिर गए। इस बार स्टॉकिस्ट अधिक सतर्कता से तैयारी कर रहे हैं।
पूर्वानुमान
3 नवंबर को एमोट्रेड ने टीजे मूंगफली दाने (सोर्टेक्स) के भाव 67 रुपए तक जाने की भविष्यवाणी की थी, जो सही साबित हुई।
मूंगफली के दाम अब एक्सपोर्ट डिमांड पर निर्भर करेंगे। तेलों के भावों में अगर कोई बड़ा बदलाव नहीं होता है, तो मूंगफली के दाम स्थिर होने की उम्मीद है। बंपर उत्पादन को देखते हुए किसानों के पास भी भरपूर स्टॉक रहेगा, जो पूरे साल मंडियों में आता रहेगा।