वायदा कारोबार पर प्रतिबंध हटाने की तैयारी में सरकार
सरकार तेल, तिलहन और दालों पर वायदा कारोबार प्रतिबंध हटाने पर विचार कर रही है। 2021 में मुद्रास्फीति रोकने के लिए लगाए गए प्रतिबंधों में से तिलहन और दालों पर प्रतिबंध समाप्त होने की संभावना है। एनसीडीईएक्स और अन्य संगठनों की लगातार अपील के बाद यह चर्चा तेज हुई है। अंतिम निर्णय गृह मंत्री की अध्यक्षता वाली समिति लेगी। यह कदम घरेलू कीमतों को स्थिर करने और अंतरराष्ट्रीय मूल्य निर्भरता कम करने में मदद करेगा।
सरकार तेल, तिलहन और दालों पर वायदा कारोबार प्रतिबंध हटाने पर विचार कर रही है। दो वरिष्ठ अधिकारियों ने बताया कि यह कदम घरेलू बाजार में स्थिरता और परिपक्वता को ध्यान में रखते हुए उठाया जा सकता है।
मुख्य बिंदु:
- 2021 में मुद्रास्फीति रोकने के लिए 7 वस्तुओं पर वायदा कारोबार प्रतिबंध लगाया गया था।
- एनसीडीईएक्स और अन्य व्यापारिक संगठनों ने प्रतिबंध हटाने के लिए सरकार से बार-बार अनुरोध किया है।
- सरकार तिलहन और दालों पर प्रतिबंध हटाने की संभावना पर चर्चा कर रही है।
- धान और गेहूँ वायदा कारोबार पर प्रतिबंध जारी रहने की संभावना।
विशेषज्ञों का कहना:
- प्रतिबंध ने घरेलू कीमतों का पता लगाने और किसानों को लाभ देने में बाधा डाली है।
- अध्ययनों से पता चला है कि वायदा कारोबार अंतरराष्ट्रीय मूल्य संकेतों पर निर्भरता कम कर सकता है।
- प्रमुख तिलहन उत्पादकों ने वायदा कारोबार शुरू करने की माँग की है।
सरकार की रणनीति:
तेल और तिलहन पर आयात शुल्क लगाने के बाद, यह समय सही माना जा रहा है। अंतिम निर्णय गृह मंत्री की अध्यक्षता वाली अंतर-मंत्रालयी समिति द्वारा लिया जाएगा।
हाल के फैसले:
- 16 अक्टूबर से पीली मटर वायदा कारोबार को अनुमति दी गई।
- कच्चे सूरजमुखी तेल वायदा कारोबार पहले ही शुरू हो चुका है।
यह कदम न केवल भारतीय बाजार को मजबूती देगा, बल्कि वैश्विक व्यापारिक मानकों के साथ तालमेल बनाने में भी सहायक होगा।